
आगरा जिले में चंबल नदी के रौद्र रूप से बाह तहसील के 38 गांवों में हाहाकार मचा हुआ है। पिनाहट में चंबल खतरे के लाल निशान से चार मीटर ऊपर बह रही है। पानी में डूबे 14 गांवों से पलायन शुरू हो गया है। बाढ़ के पानी में मऊ की मढ़या गांव में झोपड़ियां बह गईं हैं। 75 परिवारों के 300 से अधिक लोगों को प्रशासन ने गांव से निकाल कर ऊंचे स्थान पर पहुंचाया है। एसडीएम ने डीएम को पत्र लिखकर मदद के लिए एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल) को बुलाने की मांग की है। बाढ़ से पिनाहट और धौलपुर में हालात बेकाबू हो सकते हैं। गुरुवार सुबह को चंबल नदी का जलस्तर 135 मीटर पर पहुंच गया है।
राजस्थान और मध्य प्रदेश में मूसलाधार बारिश और काली नदी के उफान से चंबल किनारे बसे गांव में बाढ़ के हालात बन गए हैं। पिनाहट में खतरे का निशान 130 मीटर पर है। चंबल इससे पांच मीटर ऊपर बह रही है। उधर, धौलपुर में हालात बेहद खराब हैं। यहां जलस्तर 144 मीटर है।
बाह तहसील क्षेत्र में चंबल किनारे बसे 38 में से 14 गांव सर्वाधिक प्रभावित हैं। रास्तों से लेकर स्कूल और घरों में पानी भरने से पलायन शुरू हो गया है। विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है। करीब 22 हजार लोगों के बाढ़ से प्रभावित होने की आशंका है।
बुधवार को एसडीएम बाह अब्दुल वासित राजस्व टीमों के साथ प्रभावित गांवों से लोगों को निकालने में जुटे रहे। ग्रामीणों को ऊंचे टीलों पर पहुंचाया जा रहा है। वहीं उनके लिए अस्थायी टैंट लगाकर राशन वितरण कराया जा रहा है। एसडीएम ने बताया कि जलस्तर और बढ़ने से हालात बेकाबू हो सकते हैं। ऐसे में एनडीआरएफ की मदद के लिए डीएम को पत्र लिखा है।
नुकसान का नहीं हो सका आंकलन
चंबल की बाढ़ से प्रभावित गांवों में कितना नुकसान हुआ है इसका आंकलन बुधवार को नहीं हो सका। राजस्व टीमें दिनभर बचाव कार्य में जुटी रही। प्रभावित क्षेत्रों में पानी निकलने के बाद ही नुकसान का आंकलन किया जा सकेगा। ग्रामीणों के मुताबिक 38 गांव में 50 लाख रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान है।
ये गांव सर्वाधिक प्रभावित
बाह तहसील के मऊ की मढै़या, गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा, गुढ़ा, झरना पुरा, पुरा शिवलाल, पुरा डाल, उमरैठा पुरा, कछियारा, रेहा, डगोरा, भगवान पुरा, क्योरीपुरा का संपर्क तहसील से कट गया है। उमरेठा गांव पूरा खाली कराया है।
ये हैं हालात
– सिंचाई अधिकारियों ने बताया अगले 24 घंटे में 136 मीटर तक हो सकता है जलस्तर।
– सर्वाधिक प्रभावित 14 गांवों से लोगों को निकाल कर ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
– जिन गांव में पानी भर गया है उनकी अगले 48 घंटे के लिए विद्युत आपूर्ति बंद की गई है।
– वन विभाग द्वारा स्टीमर चलाए जा रहे हैं, जिसकी मदद से ग्रामीणों को निकाला जा रहा है।
– गांव में जरूरतमंद और बीमार लोगों को दवाइयां व राशन सामग्री वितरित की जा रही है।
वाटरवर्क्स पर 492 फीट पर बह रही यमुना
दूसरी तरफ शहर में यमुना भी उफान पर है। वाटरवर्क्स पर बुधवार को जलस्तर 492 फीट पहुंच गया। यहां 495 फीट पर लो फ्लड लेवल है। शहरी क्षेत्र में यमुना किनारे 40 गांव हैं, जबकि बाह-फतेहाबाद में 55 से अधिक गांव तलहटी में बसे हैं। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक बुधवार को गोकुल बैराज से 43641 क्यूसेक, ओखला बैराज से 22922 और ताजेवाला (हथिनीकुंड) बैराज से 10067 क्यूसेक पानी आगरा की ओर यमुना में छोड़ा गया है।
आगरा में यमुना लाल निशान से तीन कदम दूर है। बाढ़ नियंत्रण प्रभारी उदल सिंह ने बताया कि बैराजों से डिस्चार्ज घटने के कारण यमुना में बाढ़ का खतरा टल सकता है। उधर, बाह में उंटगन में बरसात का पानी बढ़ने से यमुना में दबाब बढ़ रहा है। विक्रमपुर में खेत डूब गए हैं। पशुओं के लिए चारे का संकट खड़ा हो गया है। बटेश्वर में यमुना का रानी घाट पानी में डूब गया है।
यमुना से प्रभावित गांव
बाह तहसील के कलींजर, बुढै़रा, स्याइच, कोट, सिधावली, फरैरी, होलीपुरा, कलियानपुर, भरतार, विक्रमपुर , विक्रमपुर कछार, चौरंगा बीहड़ , सुंसार, कछपुरा, पारना, नौगवां, गढ़वार, गढ़ी बरौली, चरीथा, कचौराघाट, खिलावली, खिच्चरपुरा, रामपुर चंद्रसैनी, बिठौली, बलाई, रजौरा, रीठई आदि गांवों यमुना से प्रभावित हैं। उंटगन के कारण जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। यमुना की कछार में 35 गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं।




