15 दिन पहले हरियाणा से एक बच्चा किडनैप हुआ। पुलिस ने किडनैपर पकड़ा तो उसने अपने पास एक और बच्चा होने की बात कुबूली। उसने ये बच्चा साल–2015 में नोएडा से चुराया था।इस बच्चे को न तो अपना बचपन का नाम याद था और न ही गांव मालूम था। नोएडा पुलिस ने 10 साल में लापता हुए बच्चों का रिकॉर्ड निकाला। एक–एक केस स्टडी किया। आखिरकार पुलिस इस बच्चे की FIR कॉपी मिल गई। कॉपी में बच्चे के मां–बाप की जगह किसी अन्य परिचित का मोबाइल नंबर लिखा था। पुलिस ने उससे कॉन्टेक्ट किया। फिर परिचित व्यक्ति ने मां–बाप को सूचना दी। वे नोएडा में थाने पर आए और एक ही नजर में अपने बच्चे को पहचान गए। सोचिए, जो मां–बाप अपने जिगर के टुकड़े के मिलने की उम्मीद खो चुके हों, अगर वो 10 साल बाद जिंदा मिल जाए तो कैसा महसूस होगा?
