हमीरपुर

Hamirpur : क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी ने आरटीआई एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन कर बनाया मजाक

राठ (हमीरपुर) : जिले के विभागों द्वारा आरटीआई एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करना आम बात हो गई है। यह जानते हुए कि सूचना के अधिकार अधिनियम की अवहेलना करने पर आरटीआई एक्ट के आधार पर दंडात्मक कार्यवाही का प्रावधान है। इसके बावजूद जन सूचना अधिकारी/क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी ने सूचना उपलब्ध नहीं कराई। इसलिए की सच्चाई सामने ना आ सके। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत मांगी गई सूचना का जबाव 30 दिनों के अंदर उपलब्ध कराना अनिवार्य है। लेकिन जिले के अधिकांश विभागों द्वारा जानबूझकर या तो सूचना नहीं दी जाती है या गलत या अधूरी जानकारी देकर RTI कानून का खुलेआम उल्लंघन भी किया जाता हैं। निश्चित रूप से विभाग में भ्रष्टाचार की पोल खुलने के डर से सूचना नहीं दी जाती है। जिसके कारण कई बार विभागों को सूचना न देना बड़ा महंगा पड़ जाता है।


औड़ेरा गांव निवासी आरटीआई कार्यकर्ता रामसिंह राजपूत ने जानकारी देते हुए बताया कि जनहित में 15 अप्रैल 2025 को जन सूचना अधिकारी क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी से पांच बिंदुओं की सूचना जिसमें राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयो से संबंधित, कर्मचारी, औषधियों से संबंधित, मरीजों की सुविधाओं से संबंधित और व्यय से संबंधित सूचनाएं मांगी थी। लेकिन जन सूचना अधिकारी द्वारा आरटीआई कानून का बराबर उल्लंघन करते हुए निर्धारित अवधि बीत जाने के बाद भी कोई जवाब नहीं दिया गया। जिससे आवेदक ने विभाग पर मनमानी करने और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि विभागो द्वारा आरटीआई कानून का बार-बार उल्लंघन करने के बाद भी उच्च अधिकारियों द्वारा ठोस कार्रवाई न करने से विभागों के जन सूचना अधिकारियों द्वारा बराबर मनमानी करते हुए खुद का कानून चलाते है। बताया कि मांगी गई पांच बिंदुओं की सूचना का जवाब न मिलने पर दिनांक 16 मई को मुख्य विकास अधिकारी चंद्रशेखर शुक्ला को पत्र लिखकर जन सूचना अधिकारी के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की मांग करते हुए सूचना उपलब्ध कराने की अपील की है।