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DNM SPECIAL : शराब, कबाब और शबाब के जरिये भारतीयों को बर्बाद कर रहे नेपाली कसीनो….

नेपाल (अमित श्रीवास्तव ,विशेष संवाददाता) :नेपाल भले ही मित्र देश है, लेकिन नेपाल के भैरहवा और बुटवल में खुले कसीनों, भारत के कई हजार लोगों को अभी तक बरबाद कर चुके हैं। भारत की सीमा से मात्र 5 किमी दूर खुले इन कसीनो में जुआ, नशा और बार बालाओं का डांस तो है, लेकिन ये नशा और मज़ा सिर्फ भारतीयों के लिए है। नेपाल में खुले इन कसीनों में नेपाली नागरिकों के आने पर पूरी तरह से पाबंदी है, क्योंकि नेपाल अपने लोगों को बर्बाद नहीं करना चाहता है। इन कसीनो के निशाने पर भारतीय क्षेत्र के वह लोग हैं जो मौज मस्ती के लिए लाखों रुपए खर्च करने को तैयार रहते हैं। इंडो नेपाल बॉर्डर से फेमा एक्ट के तहत 25,000 से ज्यादा भारतीय रुपये लेकर आप नेपाल नहीं जा सकते हैं, ऐसे में सवाल ख़ड़ा होता है कि हर दिन लाखों रुपये के हार जीत जीत की रकम इन रास्तों से कैसे गुजरती है।

भारतीय सीमा से सटे नेपाल के इलाकों में इस समय कैसीनो काफी तेजी से फल फूल रहे हैं। नई नीतियों की वजह से पर्यटन के क्षेत्र में पिछले कुछ सालों में आ रही दिक्कतों की वजह से नेपाल में भारतीय पर्यटकों का आना कम हुआ है। ऐसे में नेपाल की आर्थिक जरूरतों पूरा करने का एक बड़ा स्रोत इन कसिनो के रूप में उभरकर आया है। पिछले 8 से 10 सालों में नेपाल के सीमावर्ती जिलों में कसीनो की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।  भारतीयों को आकर्षित करने के लिए इन कसीनो में जुए के साथ साथ मुफ्त शराब और शबाब भी परोसे  जाते हैं। जो जितना बड़ा दावं इन कसीनो में आकर खेलता है उसकी उतनी ही इज्जत और सेवा नेपाल की कसीनो संचालक करते हैं। दोपहर होने के बाद से यहां कसीनो की महफिलें सजनी शुरू हो जाती है जो देर रात तक चलती है। यहां पर खेलने आये भारतीयों को टारगेट कर शराब और शबाब में इतना उलझा दिया जाता है कि वह अपना सब कुछ गंवा बैठते हैं। नेपाल के भैरहवाँ और बुटवल में चलने वाले कसीनो में महाराजगंज और गोरखपुर से लेकर बनारस तक के भारतीय आकर जीत का दांव लगाने की कोशिश करते हैं। एक दो बार उन्हें छोटी रकम जिताया भी जाता है, और जब शराब का सुरूर जुए में जीत के साथ चढ़ने लगता है तो इसके बाद से शुरू होता है कैसीनो संचालकों का असली खेल।

सबसे बड़ा सवाल ये आता है कि फेमा एक्ट के तहट नेपाल में 500 की करेंसी वैन है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में लाखों रुपये इसी सीमा के रास्तों से नेपाल के कसीनो तक पहुँच  रहा है जहां एसएसबी और पुलिस के साथ आधा दर्जन सुरक्षा एजेंसी चाक चौबंद रहने का दावा करती हैं। एक बार में आप नेपाल 25,000 से अधिक नहीं ले जा सकते हैं लेकिन कसीनो में हर रोज करोड़ो रुपए लोग हार जाते हैं। नेपाल के इन केसिनो संचालकों की पकड़ भारत में कितनी मजबूत है इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि सीमावर्ती भारतीय जिले में नेपाल के कसीनो संचालक अपनी गाड़ियां चलवाते हैं जो भारतीयों को कसीनो तक ले आती है और उन्हें छोड़ने का भी काम करती हैं। अगर कोई लखनऊ, दिल्ली या मुंबई से फ्लाइट से गोरखपुर पहुंचता है तो उसे गाड़ी के साथ ऑनलाइन फंड ट्रांसफर की सुविधा भी मिल जाती है। इसके लिए कई नेपालियों ने अपना खाता भारत के सीमावर्ती क्षेत्र में खोल रखा है जिससे उनके खाते में पैसा बड़े आराम से चला जाता है। जुए शराब और शबाब की लत भारतीयों को ऐसी लगी है कि कंगाल होने के बाद भी यह नही छूट रहा है।
 सबसे बड़ी बात ये है कि इन कसीनो में नेपाल के नागरिकों की एंट्री पर पाबंदी है। कसीनो में आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या फिर पासपोर्ट जैसी किसी भी आईडी को दिखाने के बाद ही प्रवेश मिलता है। इससे सुनिश्चित किया जाता है प्रवेश करने वाला व्यक्ति भारतीय है या नेपाली। यह कसीनो संचालक अपने देश के लोगों को बर्बाद नही होने देना चाहते हैं और इनका लक्ष्य केवल इंडियन हैं।

 कैसीनो के लोगों ने भारत के कुछ टैक्सी ड्राइवरों को भी चिन्हित किया है जिनके नाम पर कमिशन का खेल खेला जाता है। जो जितना कस्टमर लाएगा उनकी सेवा भी उसी तरह की जाती है। इन  कैसीनो  में अंदर घुसने के बाद स्पेशल काउंटर बनाया गया है जहां भारतीय मुद्रा को देने के बाद गेम खेलने के लिए कॉइन मिल जाता है। यहां 100 रुपए से लेकर 3 लाख रुपए तक की चिप लेकर कसीनो में आप खेल सकते हैं। हर रोज नेपाल के इन कसीनो में भारतीयों को कंगाल करने का धंधा पिछले कई सालों से चलता चला रहा है लेकिन इसके लिए अबतक किसी नेता या अधिकारी ने कोई पहल नही की है। जिसकी वजह से हर रोज हजारों भारतीय बर्बाद हो रहे हैं और नेपालियों का धंधा बढ़ता जा रहा है।