लखनऊ( DNM NEWS AGENCY): प्रदेश की राज्यपाल आंनदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज यहाँ राजभवन के गाँधी सभागार में प्रधानमंत्री-भारतीय जन औषधि परियोजना के अंतर्गत पंचम जन औषधि दिवस कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम मंे बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि चिकित्सा विभाग स्वास्थय सेवा देने वाला विभाग है। इसलिए यह बेहद महत्वपूर्ण है। अस्पतालों में लोग दर्द और तकलीफ मंे आते हैं और स्वास्थय लाभ लेकर जाते हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थय सेवाएं गरीब जनता से लेकर हर वर्ग के लोगों को सहज हो इसलिए जेनेरिक दवाइयों की व्यवस्था दी गई, लेकिन कई जगह जन औषधि केन्द्र अस्पतालों से दूर होने के कारण मरीज मंहगी दवाईयाँ लेकर ही अपने घर चला जाता है। उन्होंनेे कहा कि जन औषधि केन्द्र अस्पतालों तथा बस स्टैण्ड के नजदीक बनाए जाएं। उन्हांेने निर्देश दिया कि अस्पतालों में जन औषधि केन्द्रों का स्थान दर्शाने वाले साइन-बोर्ड भी लगाए जाएं, जिससे मरीज आसानी से केन्द्रों पर पहुँच कर सस्ती दवा प्राप्त कर सके।
राज्यपाल ने कार्यक्रम में जन-औषधि केन्द्रों को साफ-सुथरा रखने तथा भण्डारण में नियम-निर्देशों का समुचित ध्यान रखने पर जोर दिया। उन्होंने इसी क्रम में अच्छे स्वास्थय के लिए नियमित योग, समुचित आहार, व्यवस्थित दिनचर्या को भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने सम्बोधन में भारत सरकार की कई ऐेसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं की चर्चा भी की, जिनसे जनता की पेयजल, शौचालय तथा जीवन की अन्य महत्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति हुई है। राज्यपाल जी ने कार्यक्रम का उद्घाटन मटकी में जलधारा प्रवाहित करके ‘जल संरक्षण‘ के संदेश के साथ किया।
समारोह को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं चिकित्सा, स्वास्थय तथा परिवार कल्याण मंत्री श्री ब्रजेश पाठक जी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 1450 जन औषधि केन्द्र हैं। उन्होंने कहा कि बीमारी अमीरी-गरीबी नही देखती। बीमार मनुष्य विपरीत परिस्थितियों से गुजरता है। जेनेरिक दवाइयाँ बजट के अंदर प्राप्त हो जाती हैं और पूरी तरह असरकारक भी हैं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि प्रत्येक चिकित्सा इकाई पर जन औषधि केन्द्र स्थापित हो।
समारोह में जेनेरिक दवाइयों के सेवन से स्वास्थय लाभ प्राप्त कर रहे असाध्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों ने उपचार से स्वास्थय में सुधार और बजट के अंदर दवा प्राप्त होने से आर्थिक बोझ कम होने के अपने अनुभव भी बताए। मरीजों ने बताया कि उनकी दवाइयाँ जन औषधि केन्द्र पर 50 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक कम दामों पर प्राप्त होने से उनका आर्थिक स्तर पर दबाव कम हो गया है और ये दवाइयाँ अन्य ब्राण्डेड दवाइयों के समान ही असरकारक भी सिद्ध हुई हैं। डॉ0 एस0पी0 वर्मा ने जानकारी दी कि केैंसर जैसे अन्य असाध्य रोगों तक की दवाइयाँ जन औषधि केन्द्रों पर बहुत कम दामों में उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि इन जेनेरिक दवाइयों की निर्धारित मानकों पर गुणवत्ता प्रमाणित होने के बाद बाजार में उपलब्ध कराया जाता है।




