प्रदेश की जनता ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित आठ मंत्रियों को हराकर बड़ा झटका दिया है। पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य व धर्म सिंह सैनी दलबदल कर भी अपनी सीट नहीं बचा पाए।
प्रदेश मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित 60 मंत्री हैं। इनमें तीन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान व धर्म सिंह सैनी ने भाजपा छोड़ सपा का दामन थाम लिया था। सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, बाल विकास एवं महिला कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह और एमएसएमई राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह को टिकट नहीं दिया गया।
इनके अलावा उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी, जितिन प्रसाद, महेंद्र सिंह, अशोक कटारिया, मोहसिन रजा व धर्मवीर प्रजापति एमएलसी हैं, को चुनाव नहीं लड़ाया गया। सीएम योगी व डिप्टी सीएम केशव सहित 47 मंत्रियों को टिकट दिया गया। इनमें उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित आठ मौजूदा मंत्री व दलबदल करने वाले तीन में से दो निवर्तमान मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य व धर्म सिंह सैनी भी चुनाव हार गए।
पाला बदल वाले मंत्रियों में दारा सिंह चौहान ही जीत सके। भाजपा ने सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी के बेटे गौरव वर्मा को कैसरगंज से प्रत्याशी बनाया था। गौरव भी जीत नहीं दिला सके। वह सपा से चुनाव हार गए। इसी तरह बलिया सदर से विधायक व राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला को सीट बदलकर बैरिया भेज दिया गया था। उनकी जगह बलिया सदर सीट पर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को उतारा गया। वह चुनाव जीत गए, लेकिन आनंद चुनाव हार गए।
दिग्गज नेताओं में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, पूर्व मंत्री श्याम सुंदर शर्मा, सपा नेता नरेंद्र सिंह वर्मा व पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय भी चुनाव हार गए। इन नेताओं की कमी 18वीं विधानसभा में महसूस की जाएगी।
विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा उलटफेर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की हार का रहा। केशव को सपा की पल्लवी पटेल ने हराया। पल्लवी अपना दल (कमेरावादी) के बैनर तले राजनीति करती हैं। वह विधानसभा चुनाव में सपा से गठबंधन कर उसके सिंबल से चुनाव मैदान में थीं। एक बार पल्लवी ने इस सीट से लड़ने से इनकार तक कर दिया था। पर, बाद में लड़ीं और जीतीं। पल्लवी, केंद्रीय मंत्री व अपना दल (एस) की मुखिया अनुप्रिया पटेल की बहन हैं। अनुप्रिया की पार्टी अपना दल (एस) भाजपा गठबंधन का हिस्सा है। अनुप्रिया, पल्लवी के खिलाफ प्रचार भी करने गईं थीं। भाजपा को गरीबों व अन्य पिछड़ा वर्ग के बड़े समर्थन का स्पष्ट संकेत के बावजूद पार्टी का राज्य में पिछड़ा वर्ग के बड़े चेहरे केशव पल्लवी से चुनाव हार गए।
नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी नौवीं बार विधानसभा में पहुंचने के लिए चुनाव मैदान में थे। बलिया की बांसडीह सीट पर सपा प्रत्याशी राम गोविंद को भाजपा समर्थित केतकी सिंह ने हराया। पिछला चुनाव केतकी बहुत कम अंतर से चौधरी से हारी थीं। राम गोविंद 7वीं, 8वीं, 9वीं, 10वीं, 11वीं, 14 वीं, 16वीं व 17वीं विधानसभा के सदस्य रहे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार ‘लल्लू’ 2012 में सपा और 2017 में भाजपा की आंधी में भी कुशीनगर की तमकुहीराज सीट से जीत गए थे। लेकिन, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद क्षेत्र में उनकी सक्रियता कम हो गई थी। इस बार वह हैट्रिक बनाने के लिए फिर मैदान में थे, पर भाजपा के असीम कुमार से हार गए। उन्हें तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा।