ये देश सूफी संत महात्मा का देश है इस देश में बड़े बड़े संत आए है जो देश को कई पैगाम देकर गए है …
जी हां हम बात कर रहे है ऐसे ही सूफी की जिनका नाम ख्वाजा सूफी हरदिल अजीज शाह है इनका जन्म सन् 1949 ई में लखीमपुर जिले में हुआ लखीमपुर में अपने बीवी बच्चों के साथ रहते थे फिर वो अपने परिवार के साथ अयोध्या आ गए यहां पर 10 साल 40 दिन तक दीन का काम किए उसके बाद अचानक तबियत खराब होने पर उनको आयोध्या जिले के देवा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया काफी दिन इलाज चलने के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली उसके बाद इनकी पार्थिव शरीर को अयोध्या के रहने वाले मोहम्मद हुसैन ने जमीन लेकर इनकी दरगाह अयोध्या जिले के बछड़ा सुल्तानपुर में बनवा दिए इस दुनिया में वो 71 साल तक जिंदा रहे जब तक वो इस दुनिया में थे उनका काम दीन का था जब वो इस दुनिया में थे तो इनके पास अयोध्या जिले के सहादतगंज के रहने वाले शकील नाम के व्यक्ति इनके पास आते है जिनको सफेद दाग जैसी बीमारी थी जिसका इलाज उन्होंने बहुत कराया मगर फायदा नही हुआ जब वो सूफी हरदिल अजीज शाह को अपनी बीमारी बताते है तो वो इनके लिए दुआ करते है ओर ये बीमारी ठीक हो जाती है शकील अपने पूरे परिवार के साथ मुरीद हो जाते है और सूफी हरदिल अजीज के साथ निकल पड़ते है दीन के काम के लिए शकील आज भी उस दरगाह पर जाते है इस दरगाह पर हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी लोग जाते है इस दरगाह पर सबसे बड़ी खासियत है यहां पर 4 दरवाजे है जो हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई के नाम से जाने जाते है
इनके दरगाह पर जो भी आता है मन्नत मांगते है वो जरूर पूरा होता है ख्वाजा सूफी हरदिल अजीज शाह के चाहने वाले उत्तर प्रदेश में ही नही बल्कि मुंबई ,दिल्ली ,पंजाब, में भी है विदेशों में भी इनके चाहने वाले है |
अगर राजनीतिक दलों की बात करे तो यहां पर सपा के पूर्व मंत्री पवन पांडेय ,,,कांग्रेस के वरिष्ठ नेता निर्मल खत्री भी इस दरगाह पर आ चुके है इस दरगाह की देखभाल उनकी बीवी हाशमी बेगम करती है ख्वाजा सूफी हरदिल अजीज शाह जब इस दुनिया से पर्दा कर रहे थे तो अपनी राजगद्दी अपनी बड़ी बेटी मसूद अजीजी को देकर गई मसूद अजीजी ने कुछ साल तक गद्दी संभाली लेकिन शादी होने के बाद राजगद्दी संभालने का काम उनके दामाद सूफी चांद मिया करते है सूफी हरदिल अजीज शाह के जो गुरु थे वो यूपी के पीलीभीत जिले के पूरनपुर के रहने वाले थे उनका भी बड़ा नाम है उनकी दरगाह पूरनपुर में है
आपको बताते चले कि इस दरगाह पर दो ऐसे वाक्या है जिसको ख्वाजा सूफी हरदिल अजीज शाह की बेटी मसूद अजीजी ने DNM news media के रिपोर्टर से फोन पर बात करते हुए बताए करीब 5 साल पहले अयोध्या के रहने वाले एक परिवार को जिसकी बेटी के आंखो में दिक्कत थी उसको दिखाई नही देता था सभी डॉक्टर ने जवाब दे दिए उसके बाद वो दरगाह पहुंची मन्नत मांगी कुछ दिनों के बाद उसकी आंखो से दिखाई देना शुरू हो गया दूसरी घटना इलाहाबाद से है एक औरत को करीब 15 साल से कोई औलाद नहीं था वो इलाहाबाद से अयोध्या दरगाह पहुंची जहां उसने मन्नत मांगी और हर बृहस्पतिवार को 17 व्रत रखी जिसके बाद उनके घर में खुशियां आई ओर बेटा हुआ तमाम ऐसे लोग है जिसको इस दरगाह से फैज मिलती है ख्वाजा सूफी हरदिल अजीज शाह की सबसे बड़ी खास बात ये थी जब वो दुनिया में थे तो हिंदू धर्म के सभी कार्यक्रम में शामिल होने जरूर जाते थे चाहे वो प्रवचन सुनने हो या कथा में बैठना हो उनका कहना था कि मेरा धर्म मोहब्बत और इंसानियत है