दिल्ली : यूपी के चुनावी रण में भाजपा पूरी ताकत के साथ उतर रही है। विधानसभा चुनाव को लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी ने आज भाजपा की वर्चुअल रैली को संबोधित किया। पीएम मोदी की पहली वर्चुअल रैली का नाम ‘जन चौपाल’ दिया गया है। मोदी की इस रैली में पश्चिमी यूपी के प्रमुख तौर पर फोकस किया गया था। मोदी ने कहा कि इतने कम समय में तकनीक के माध्यम से इतने सारे लोगों को जोड़ना, ये भाजपा कार्यकर्ताओं की दिन-रात की मेहनत का परिणाम है। एक जीवंत संगठन का ये सबूत है। मोदी ने कहा पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ये वो धरती है, जिसने 1857 की क्रांति में देश को एकजुटता का संदेश दिया था। कमल के फूल और रोटी ने हमेशा देश को बांटने वालों को मुंह तोड़ जवाब दिया है। हम एकजुट रहेंगे, तो कोई हमें कभी परास्त नहीं कर पाएगा। हर एक का प्रयास ही उत्तर प्रदेश को ऊंचाई देगा। मां शाकुंभरी के आशीर्वाद से मैं इस चुनावी अभियान की शुरुआत कर रहा हूं।
भारत निर्वाचन आयोग ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नई गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक अब डोर टू डोर कैंपेन के लिए 10 की जगह 20 लोगों की इजाजत होगी। वहीं इनडोर बैठक में अब 300 की जगह 500 लोग शामिल हो सकते हैं। बता दें कि COVID-19 मामलों में वृद्धि के बीच, चुनाव आयोग ने 22 जनवरी को फिजिकल रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध को 31 जनवरी तक बढ़ा दिया था। पिछली बैठक में पहले-दूसरे चरण के लिए रैली की इजाजत मिली थी। आयोग ने 22 जनवरी को राजनीतिक दलों या चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की फिजिकल जनसभाओं के लिए 28 जनवरी से अनुमति दी थी और चरण 2 के लिए 1 फरवरी से छूट दी थी। इसके मुताबिक अब 500 की जगह 1000 लोगों की सभा की इजाजत होगी।
इससे पहले COVID प्रतिबंधों के साथ निर्दिष्ट खुले स्थानों पर प्रचार के लिए सुरक्षा कर्मियों और वीडियो वैन को छोड़कर, डोर टू डोर अभियान के लिए पांच व्यक्तियों की सीमा को 10 व्यक्तियों तक किया गया था जिसे अब बढ़ाकर 20 कर दिया है। बता दें कि यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच होंगे। मतों की गिनती 10 मार्च को की जाएगी।
मोदी ने कहा कि कोई भूल नहीं सकता कि 5 साल पहले यूपी को लेकर क्या चर्चा होती थी? 5 साल पहले दबंग और दंगाई ही कानून थे, उन्हीं का कहा ही शासन का आदेश था। 5 साल पहले व्यापारी लुटता था, बेटी घर से बाहर निकलने में घबराती थी और माफिया, सरकारी संरक्षण में खुलेआम घूमते थे। अपहरण, फिरौती और रंगदारी ने मध्यम वर्ग और व्यापारियों को तबाह करके रख दिया था। 5 साल में योगी सरकार उत्तर प्रदेश को इन हालातों से बाहर निकाल कर लाई है। पश्चिमी यूपी के लोग कभी नहीं भूल सकते कि जब ये क्षेत्र दंगे की आग में जल रहा था, तो पहले वाली सरकार उत्सव मना रही थी।




