
गोरखपुर शहर एवं उसके आसपास से होते हुए ग्रामीण क्षेत्रों और दूसरे शहरों को जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण से उत्पन्न हुई समस्या के निस्तारण पर प्रशासन ने जोर दिया है। इनमें कुछ तो लंबे समय से सैकड़ों लोगों के लिए समस्या का सबब बनी हुई हैं। समस्याओं के समाधान के लिए पहले भी आला अफसरों ने पहल की मगर नतीजा बहुत अच्छा नहीं रहा। अफसरों के ट्रांसफर हो गए, मगर समस्या जस की तस बनी हुई है। अब एक बार फिर इन समस्याओं की तरफ नवागत कमिश्नर रवि कुमार एनजी ने ध्यान दिया है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग, जल निगम, नगर निगम, बिजली निगम समेत कई विभागों के अफसरों के साथ बैठक की। बिंदुवार एक-एक समस्या पर चर्चा की और उन्हें दुरुस्त करने के लिए टाइमलाइन भी तय की। साथ ही कोरोना की वजह से सुस्त पड़ी सड़कों के निर्माण को गति देने का भी निर्देश दिया।
मेडिकल रोड: मुख्य नाला ऊपर, मोहल्ले की नालियां नीचे, एक सप्ताह की मोहलत
असुरन-मेडिकल कॉलेज रोड की समीक्षा में पाया गया कि जल निगम की ओर से डाली गई पाईप लाइन छह स्थानों पर लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाए गए नाले के समानांतर नहीं है। सड़क के किनारे दोनों तरफ बसी कालोनियों में नगर निगम द्वारा बनवाई गईं नालियों का पानी, ऊंचा होने की वजह से नाले में गिर ही नहीं पाता। ऐसे में बिन बारिश भी कुछ मोहल्लों की सड़कों पर नाली का गंदा पानी तैरने लगता है। बारिश में हालत और खराब हो जा रही है। इस समस्या के निस्तारण के लिए पूर्व कमिश्नर जयंत नार्लिकर ने कमेटी बनाई थी मगर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी।
अब कमिश्नर रवि कुमार एनजी ने अधिशासी अभियंता, जल निगम (पेयजल) को एक सप्ताह के भीतर इसे ठीक कराने का निर्देश दिया है। चेतावनी दी है कि तय समय के भीतर समस्या का निस्तारण नहीं हुआ तो उनके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मुख्य अभियंता लोनिवि को इस सड़क से जुड़े अन्य कार्य सर्विस रोड, डक एवं ड्रेन कार्य भी तेजी से पूरा कराने के निर्देश दिया। यह भी निर्देश दिया कि जहां भी सीसी कार्य छूटा है, उसे जल्द पूरा किया जाए। देर होने पर संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की जाए।
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