
इंसानियत का न कोई धर्म होता है न ही मजहब, यह बात सम्भल में देखने को मिली, मुस्लिम युवा शानू वारसी ने इसे सच कर दिखाया है, करोना संक्रमण की दूसरी लहर में जहाँ एक और टूटती संवेदनाओ की अनगिनत कहानियाँ सामने आ रही है, वहीं शानू जैसे युवा भी है जो की बिना किसी भेदभाव के करोना संक्रमितों की जिंदगी बचाने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाकर जरुरतमंदो को ऑक्सीजन मुहैया करा रहे है, वह अब ऑक्सीजन वाले भैया के नाम से जानते है।
ऑक्सीजन वाले भैया का यह मामला यूपी के जनपद सम्भल के कस्बा चन्दौसी का है,
कस्बा चन्दौसी निवासी शानू वारसी पेशे से तो प्रॉपर्टी डीलर है, लेकिन जरूरतमंदो की मदद के लिए हमेशा आगे रहते है, करोना वायरस की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत की वजह से जब बड़ी संख्या में अस्पतालों में करोना संक्रमितों की मौत की खबरे सामने आई तो प्रापर्टी डीलर शानू वारसी करोना वॉरियर्स बनकर सामने आए, उन्होंने संक्रमितों की जिंदगी बचाने के लिए
जरुरतमन्दो को जिदंगी की सांस लेने के लिए फ्री ऑक्सीजन मुहैया कराने का जिम्मा उठाया, जिसमें वह कामयाब हुए, शानू वारसी ने अपने युवाओ साथियों और कर्मचारियों की टीम बनाकर काशीपुर और प्रदेश के कई ऑक्सीज़न प्लांट से सम्पर्क किया और ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाकर इकट्ठा करने के बाद सोशल मीडिया पर करोना संक्रमितों की जान बचाने के लिए फ्री ऑक्सीजन के लिए सम्पर्क करने की अपील की, जिसके बाद शानू वारसी के आवास पर जनपद सम्भल ही नहीं आसपास के कई जनपदों समेत बलिया तक के जरुरतमंद ऑक्सीजन लेने के लिए पहुँचने लगे, शानू वारसी पिछले 15 दिन से रोजाना लगभग 150 लोगो को फ्री ऑक्सीजन मुहैया करा रहे है,
करोना संक्रमितों को जिदंगी की सांस के लिए शानू वारसी के आवास पर उनके साथी और कर्मचारी दिन-रात जुटे हुए है। करोना संक्रमितों की मदद के इस जज्बे की वजह से क्षेत्र के लोग अब शानू वारसी को ऑक्सीजन वाले भैया के नाम से जानते है और बुलाने लगे हैं।
करोना संक्रमितों की जिंदगी की सांस के लिए ऑक्सीजन मुहैया कराने के लिए दिन-रात जुटे शानू वारसी बताते है की कई साल पहले उनके पिता जमील वारसी की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी और अपने पिता को बचाने के लिए वह पूरी रात शहर में ऑक्सीजन और एम्बुलेंस के लिए भटकते रहे लेकिन उन्हें अपने पिता की जान बचाने के लिए न तो ऑक्सीजन ही मिली न ही एम्बुलेंस। करोना संक्रमण से लोगो की जान जाती हुई देखी तो तो उन्हें अपने वो दिन याद आ गए, इसलिए किसी भी तरीके से लोगो की जान बचाने की कोशिश कर रहे है और उनकी यह कोशिश आखिरी पल तक ऐसे ही चलती रहेगी।




