आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने कोरोना महामारी के दौरान यूपी सरकार के रवैये पर मुख्यमंत्री को दिखाया आईना

लखनऊ : ऑक्सीजन के लिए तड़पते पति को मुंह से सांस देती महिला हो या पिता को कंधा देने के लिए लोग न मिलने पर कार की छत से बांध कर शव ले जाता बेटा। कोरोना महामारी के दौरान यूपी सरकार के कुप्रबंधन के कारण प्रदेश में हर ओर ऐसी दर्दनाक तस्वीरें देखने को मिल रही हैं। आम आदमी की संवेदना को झकझोरती प्रदेश की यह त्रासद तस्वीर जनता नहीं भूलेगी और आने वाले चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इसका हिसाब जरूर मांगेगी। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने सोमवार को कोरोना महामारी के दौरान यूपी सरकार के रवैये को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आईना दिखाते हुए ये बातें कहीं।
सभाजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश की जनता बेड, ऑक्सीजन और दवा के बिना तड़पकर दम तोड़ रही है, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सब ठीक होने का स्वांग रच रहे हैं। झूठे दावे करके वह अपनी नाकामी छिपाने में जुटे हुए हैं। हॉस्पिटल से तीमारदारों के रोते बिलखते वीडियो वायरल हो रहे हैं, तो घर पर आइसोलेट मरीजों के तड़पकर दम तोड़ने की तस्वीरें भी हर ओर देखने को मिल रही हैं। महामारी से मौत के बाद अंत्येष्टि के लिए भी लोगों को अति पीड़ादायक अनुभव से दो-चार होना पड़ रहा है। मरीजों के शवों को सम्मानजनक अंतिम विदाई तक मयस्सर नहीं हो पा रही है। बाजार में ऑक्सीजन और दवाओं के नाम पर मनमानी की जा रही है, तो वहीं श्मशान घाट पर रोते हुए लोगों से शवदाह के लिए मोटी रकम वसूल की जा रही है। सरकार को महामारी की मार से रो रहे लोगों के आंसू पोछने चाहिए, लेकिन योगी सरकार कोरोना से त्राहिमाम कर रही जनता को और रुलाने का काम कर रही है। इस भीषण संकट के दौर में भी योगी सरकार का पूरा ध्यान बीमारी की भयावहता छिपाने पर है। प्रचार की शौकीन रही योगी सरकार विज्ञापनों एवं झूठे दावों के जरिए अब भी जनता को सब ठीक दिखाने की कोशिश में जुटी हुई है, जबकि अब स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि हर किसी का कोई न कोई अपना कहीं न कहीं इस बीमारी से तड़प रहा है या दम तोड़ चुका है।
आप प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आंकड़ों का खेल छोड़कर जनता के जख्मों पर मरहम लगाने की नसीहत दी। कहा कि जिस जनता ने पूर्ण बहुमत देकर उन्हें प्रदेश की सबसे ताकतवर कुर्सी मुहैया कराई है, मुख्यमंत्री उस जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें। यूपी की जनता को वह इस तरह से मरने के लिए नहीं छोड़ सकते। बेड और ऑक्सीजन को लेकर अब तक जो भी झूठे दावे सीएम ने किए हैं, उन्हें हकीकत में बदलकर जनता को राहत दिलाएं। हालांकि, मंदिर-मस्जिद हिंदू-मुस्लिम, गाय, तीन तलाक आज गैरजरूरी मुद्दों पर राजनीति के शौकीन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ऐसी उम्मीद बेमानी ही है। इस आपदा ने उनका असली चेहरा प्रदेश की जनता के आगे बेनकाब कर दिया है। जनता महामारी के दौर में जारी सरकारी कुप्रबंधन का हिसाब जरूर लेगी। सरकार ने अब भी हालात संभालने के गंभीरता से प्रयास न किए तो त्रासदी की ये तस्वीरें योगी सरकार के अंत की इबारत लिखेंगी।


