
डेली न्यूज़ मीडिया नेटवर्क लखनऊ
सीएमओ बदायूँ पर तमाम गम्भीर आरोप है ।
कोरोना काल मे सांसद व विधयाक निधि का धन किया वर्वाद , अपनी चहेती फर्मो को भुगतान किया गया । सपा नेता के अस्पताल को बिना मानक पूर्ण किए रजिस्ट्रेशन दिलाया ,इसके बाद में अस्पताल पर की गई कार्यवाही में पीछे हट हुए है । व 60 कर्मचारियों के हटाने के मामले में सीएमओ बदायूँ यशपाल सिंह को हाईकोर्ट ने दोषी माना है ।, आशाओ के भुगतान से बसूली न होने पर 42 लाख का भुगतान न करके धनराशि वापस कर दी। ऐसे तमाम गंभीर आरोप है । सीएमओ बदायूँ पर ।
राज्यपाल की आज्ञा से अपर मुख्य सचिव ने जारी किया था आदेश ।
25 मार्च के आदेश का एक पत्र जिसमे अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद द्वारा एक पत्र जो कि सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है । जिसमे राज्यपाल की आज्ञा द्वारा भ्रष्ट सीएमओ डॉ यशपाल सिंह यादव के खिलाफ जांच कर अनुशासनिक कार्यवाही करने के आदेश दिया गया है । लेकिन सीएमओ बदायूं अपनी साठ गाठ करने में लगे हुए है।
हाईकोर्ट ने भी दोषी माना सीएमओ डॉ यशपाल सिंह यादव को।
60 कर्मचारियों को नौकरी से बाहर करने के मामले में
हाईकोर्ट ने भी दोषी माना सीएमओ डॉ यशपाल सिंह यादव को। कोर्ट ने कहा ,दस्तावेज सही , गलत भर्ती कैसे , ?
बदायूँ सीएमओ डॉ यशपाल सिंह यादव की शिकायत खुद सांसद संघमित्रा मौर्य ने भी मुख्यमंत्री से की थी , और कहा था कि सीएमओ को तमाम शिकायते है । वे अपने पद का गलत इस्तेमाल करते है । और कोविड 19 महामारी जैसी बीमारी में कर्मचारियों को नौकरी से हटाया है जबकि इस पर रोक लगी हुई है । साथ ही उन्होंने अपने पत्र में कहा था कि सीएमओ यशपाल सिंह यादब पर जो कि भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर चुके है । क्रप्या करके कार्यवाही करने की कृपा करें ।
डीएम बदलते ही दवा दी गयी शिकायत ।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जवाब न देकर शिकायत को ही डिफाल्टर में डालकर मामले को दबा दिया। 15 दिन से डिफाल्टर में पड़ी शिकायत
स्वास्थ्य विभाग के पास शिकायत ऑनलाइन पोर्टल पर है। पिछले 15 दिन से शिकायत को डिफाल्टर में डाल रखा। ऑनलाइन पोर्टल के कालम डिफाल्टर में डालकर स्वास्थ्य विभाग ने छोड़ दिया है। जिसकी वजह से कार्रवाई की प्रक्रिया भी रोक दी।



