दरसल घटना एक सितंबर, 2015 को हुई थी। बाह क्षेत्र के जरार निवासी योगेंद्र सिंह का पांच साल का बेटा रंजीत सिंह उर्फ चुन्ना शाम तकरीबन साढ़े पांच बजे घर से अपनी मां श्वेता से अंबरीश गुप्ता की दुकान पर जाने की कहकर गया था,लेकिन जब रात तक लौटकर नहीं आया तो योगेंद्र सिंह ने बेटे की तलाश की। अंबरीश की दुकान बंद मिली। कई लोगों ने बच्चे को ढूंढा, लेकिन वह नहीं मिला।
दो सितंबर, 2015 को सुबह 11 बजे कोतवाल धर्मशाला के पास बृह्मचारी गुप्ता के बंद पड़े मकान में रंजीत का शव पड़ा मिला था। योगेंद्र सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया। इसमें आरोप लगाया था कि बेटे की हत्या मोहल्ला मसजिद निवासी नरेंद्र सिंह और उसकी पत्नी नजमा ने की है। उनसे काफी दिन पहले झगड़ा हुआ था। तब दोनों ने धमकी दी थी। घटना से एक दिन पहले नजमा की गोदी में बेटे को बैठा हुआ देखा था। वह नमकीन खा रहा था। दोनों ने रंजिश में चाकुओं से गोदकर उसको मार डाला।
जेल से रिहा हुए नरेंद्र और नजमा का कहना है कि उनसे कभी योगेंद्र का विबाद नही हुआ था ,उन्होंने हम लोगो को गलत फसा दिया लेकिन न्याय पालिका पर उनको भरोषा था उन्हें न्याय पालिका ने निर्दोष साबित कर दिया,जब 5 साल पहले नजमा और उसके पति नरेंद्र को जेल भेजा था उस वक्त नजमा की एक तीन साल की बेटी और 5 साल का बेटा था जो अब 5 साल बाद कहा है उन्हें नही पता ,दोनो का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच पड़ताल हो और पुलिस पर तो कार्यबाही होनी ही चाहिए लेकिन असली हत्यारे भी सामने आने चाहिए तभी बो दोनो अपने गांव बापिस जा सकेंगे,
नरेंद्र गांव में ही सब्जी की दुकान चलाते थे उसी धर्मशाला में एक स्कूल था उसी स्कूल में 5 वी कक्षा तक के बच्चो को पढ़ाते थे ,लेकिन अब बो सारे काम वंद हो गए ,उनके सामने जेल से रिहा होने के बाद रोजी रोटी का भी संकट खड़ा हो गया ,नरेंद् और नजमा अब अपनी पथराई आंखों से अपने जिगर के टुकड़े बच्चो को तलाश रही है ,
दंपत्ति के अधिवक्तता बंशो बाबू ने ये बड़ी बारीकी से लड़ा तमाम कोर्ट में दोनो के बेगुनाही के सबूत दिए तव कही जाकर दोनो को 5 साल बाद बेगुनाह साबित करा सके ,अब दोनो के बच्चों की तलाश कराई जा रही है ,
अपर जिला जज ने एसएसपी को पत्र लिखकर विवेचक के खिलाफ कार्रवाई के आदेश किए हैं। निर्दोषों को पांच साल तक जेल में रखने पर उन्हें बतौर प्रतिकर मुआवजा दिलाने का नोटिस भी जारी किया है। विवेचक अलीगढ़ की क्राइम ब्रांच प्रभारी ब्रह्म सिंह थे।बताया जा रहा है कि अब बिबेचक रिटायर हो चुके है,
अब बड़ा सवाल ये है कि दम्पप्ति ने बेगुनाह होते हुए भी 5 साल जेल में काटे है उनका ये समय कौन बापिस करेगा और जो 5 साल से उनके बच्चे उनके पास नही है उनका जिम्मबेर कौन है , 



