गोंडा (अमित श्रीवास्तव / काशीराम मौर्या की रिपोर्ट ) : कौन कहता है आसमान मे सुराग नहीं होता.एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो..य़ह शायर जिले की एक होनहार बच्ची पर सटीक बैठती है जी हाँ हम बात कर रहे हैं जिले के न्यू इंदिरा नगर कॉलोनी में रहने वाली 4 साल की बच्ची आद्या की। आद्या जिले के एक निजी स्कूल में LKG की छात्रा है और अपनी कक्षा में बेहतर प्रदर्शन करती है इसके अलावा विभिन्न गतिविधियों में एक्टिव रहती है इतना ही नहीं बच्ची ने अपनी मेधा का परिचय देते हुए भारत के संविधान की आत्मा और कुंजी कहे जाने वाले प्रस्तावना को कंठस्थ कर लिया और महज 40 सेकंड के अंदर प्रस्तावना मौखिक सुना देती है। हमारे देश के संविधान की प्रस्तावना के शब्द अत्यंत जटिल और व्यापक अर्थ से परिपूर्ण है जिसे एक वयस्क को पढ़ने और कंठस्थ करने में समस्या आती है यहां तक की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों को भी इसे याद करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है, ऐसे में 4 साल की नन्ही आद्या ने इसे कंठस्थ कर 39 सेकंड में मौखिक सुना करके एक मिसाल कायम किया है जो सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है।
आपको बता दें आद्या मिश्रा जिले के ही एक शिक्षक अरुण मिश्र की पुत्री है बच्चे की मेधा के विषय में पूछने पर श्री मिश्र ने बताया की वह स्वयं सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं ऐसे में घर पर सामान्य अध्ययन का एक माहौल पहले से तैयार है उन्होंने बताया की इस उम्र में बच्चों की स्मरण शक्ति काफी तीव्र होती है जिससे बच्चे जो कुछ भी कंठस्थ करना चाहे कर सकते हैं बस आवश्यकता है उन्हें सही दिशा देने और मार्गदर्शन करने की।
इंडिया बुक का रिकॉर्ड में दर्ज होगा नाम
भारत के संविधान के प्रस्तावना को सबसे कम उम्र की बच्ची द्वारा 38.38 सेकंड के अंदर सुनाने के लिए आद्या मिश्रा का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज होने जा रहा है इसकी जानकारी आईबीओ टीम द्वारा मेल से प्राप्त हुयी है।





