उत्तर प्रदेश के बस्ती से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, यहां पर एक बुजुर्ग अपने जिंदा होने का प्रमाण लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है. बुजुर्ग ने गुहार लगाते हुए कहा कि साहब में जिंदा हूं आपके जांच अधिकारी ने मुझे मृत घोषित कर मेरी पेंशन बंद करा दी है. बुजुर्ग अपने हाथ में अपने जीवित होने का पोस्टर लेकर समाज कल्याण दफ्तर पहुंचा. दरअसल गौर ब्लॉक के रहने वाले एक बुजुर्ग मैं जिंदा हूं का पोस्टर हाथों में लेकर समाज कल्याण कार्यालय पहुंचा और अपने जीवित होने की खुद ही गवाही देने लगा.यूपी के बस्ती जिले से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. जहां गौर ब्लॉक के समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने एक वृद्ध व्यक्ति को कागजों में मृत दिखाकर उसकी वृद्धा पेंशन रोक दी. यह पेंशन उसके जीविका का मुख्य सहारा थी, जिसके बंद होने से जिंदगी अब बेहद कठिन हो गई है.बता दें कि ये बुजुर्ग वृदा पेशन पाकर किसी तरह अपना गुजारा कर रहा था लेकिन सत्यापन के समय जिंदा व्यक्ति को मृत दिखाकर उसकी पेंशन रोक दी गई जिसके कारण बुजुर्ग को जिंदा होने का प्रमाण देने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ रहे है. कोई अधिकारी उनकी मदद करता है और न ही पेंशन बहाल की गई है.
बता दें उत्तर प्रदेश में वृद्धा पेंशन घोटाले के कई मामले सामने आए हैं, जहां जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया जाता है और बिना सत्यापन के ही उसकी पेंशन बंद कर दी जाती है. जिसके चलते बुजुर्ग व्यक्ति को सरकारी हाथ मंे पोस्टर और तख्ती लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रह है।
