लखनऊ ( राजू ,स्टेट हेड ) : भारतीय जनता पार्टी का उत्तर प्रदेश की राजनीति में दबदबा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी प्रचंड जीत के साथ ही साथ भाजपा ने उच्च सदन यानी विधान परिषद में भी अपना दबदबा कायम कर लिया है। उत्तर प्रदेश विधान मंडल के दोनों सदन में भाजपा ने सर्वाधिक सदस्यों की संख्या के साथ विपक्षी दलों की धार को कुंद कर दिया है। कांग्रेस का तो उत्तर प्रदेश के उच्च सदन में एक भी सदस्य नहीं है।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य पद के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के दोनों उम्मीदवार धर्मेन्द्र सिंह सैंथवार व निर्मला पासवान के गुरुवार को ही निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद उच्च सदन में भाजपा के सदस्यों की संख्या भी बढ़ गई है। गुरुवार को नाम वापसी की समय सीमा बीतने के बाद दोनों प्रत्याशियों को निर्वाचित घोषित कर दिया गया है। समाजवादी पार्टी की तरफ से उनकी प्रत्याशी कीर्ति कोल ने एक अगस्त को नामांकन किया था, लेकिन दो अगस्त को उनका नामांकन पत्र खारिज हो गया। नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान उनकी आयु कम होने के मंगलवार को ही उनका पर्चा खारिज हो गया था।
विधान मंडल में विधान परिषद सदस्य के दो रिक्त पद पर उपचुनाव के बाद अब विधान परिषद में सदस्यों की संख्या के अनुसार दलीय स्थिति इस प्रकार है।
भाजपा – 75
सपा -नौ
बसपा – एक
अपना दल (सोनेलाल) – एक
निषाद पार्टी – एक
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक – एक
शिक्षक दल (गैर राजनीतिक) – दो
निर्दलीय समूह – दो
निर्दलीय -दो
रिक्त सीटें – छह
समाजवादी पार्टी के नेता अहमद हसन के निधन व भाजपा नेता ठाकुर जयवीर सिंह के इस्तीफे के कारण रिक्त हुईं विधान परिषद की दो सीटों के लिए उपचुनाव हुए हैं। जयवीर सिंह ने हाल ही में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद एमएलसी पद से इस्तीफा दे दिया था।


