शाहजहाँपुर यूपी सरकार भले ही विकास व गरीब जनता के हित के लिए तरह तरह के अभियान चलाकर करोड़ों रुपए खर्च कर रही हो लेकिन आज भी कई ऐसे गरीब परिवार हैं जिन के दरवाजे तक सरकार की मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाती हैं
उन्हें कहीं ना कहीं अधिकारी कर्मचारी अपने दफ्तरों में ही ताला लगाकर लॉक कर देते हैं। जिस कारण उन्हें सरकार की सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं और वह अपनी गरीबी की बदहाली हालत मे सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट काट कर थक जाते हैं।
दरअसल आपको बता दें कि हम बात कर रहे हैं यूपी के शाहजहांपुर जनपद के कलान तहसील के क्षेत्र गांव खजुरी के मजरा गढ़ी की जहां एक ऐसा परिवार है
जो अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। देश को आजाद हुए लगभग 75 साल हो गए कई प्रधानों के पास जिम्मेदारी आकर चली गई लेकिन इस घर तक अभी तक शौचालय और आवास जैसी मूल भूत सुविधाएं नहीं पहुंची।
अब हम आपको उस परिवार की कहानी सुनाते हैं किस तरीके से अपनी गरीबी हालत में कंधों पर बाहर रखकर गरीबी को सहन कर रहा है। गढ़ी गांव के निवासी कल्लू ने बताया कि गरीबी हालत में हम अपना गुजारा कर रहे हैं, 4 लड़कियां है और दो लड़के जिसमें दो लड़कियों की शादी कर दी है लेकिन अभी दो कुवांरी हैं और एक लड़की की मौत हो चुकी है, 8 वर्षीय एक लगभग मासूम बच्ची है जो लगभग 2 सालों से बीमार है उसके लिए इलाज के लिए इतने पैसे खट्टे नहीं कर पाता हूं जो कि किसी अच्छे हॉस्पिटल में उसका इलाज करवा सकुं। गरीब परिवार को आसरा है कि कोई ऐसा नेता या समाजसेवी सहारा बन जाए जिससे घर के खाने का बंदोबस्त हो जाए और दो वक्त की रोटी सही से खा सके परिवार।
में भाजपा की सरकार के आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि गरीबों को सबसे पहले प्राथमिकता देना हमारा उद्देश्य है क्योंकि हमने गरीबी में काटी है और हमें पता है कि गरीबी क्या होती है सबसे पहले प्राथमिकता इलाज की हो या शिक्षा की हो या हो आवास की या हो शौचालय की हर एक सुविधा गरीब के दरवाजे तक पहुंचेगी। सुनिए क्या कुछ कहा था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपको भी सुना रहे हैं।
पीड़ित परिवार का कहना है कि अभी तक हमारे पास किसी भी समाजसेवी या नेता ने मदद नहीं किया कर और वोट तो मांगने आए लेकिन दरवाजे पर दोबारा झांकने तक नहीं आए जिससे कि सरकार की फलीभूत सुविधाएं हमको भी मिल जाएं। परिवार दो वक्त की रोटी जुटाने में खेतों में मेहनत मजदूरी करता है। अगर यही हाल रहा तो किसी दिन भीख मांगने की कगार पर परिवार पहुंच जाएगा।


