गोरखपुरः उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पेपर आउट होने से शिक्षक बनने का सपना संजोए लाखों अभ्यर्थियों को झटका लगा है. खासकर मेधावियों के लिए ये बहुत परेशान करने वाला क्षण है. ऐसे में भावी शिक्षक ये मानते हैं कि नकल माफियाओं पर लगातार नकेल कसने के बावजूद सरकार और प्रशासन से कहीं न कहीं चूक हुई है. जिसका खामियाजा उन लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
गोरखपुर में पहली पाली में सुबह 10 बजे से होने वाली परीक्षा के लिए 70 परीक्षा केन्द्रों पर 35,306 अभ्यर्थियों को परीक्षा देनी रही है. वहीं दूसरी पाली में 51 केन्द्रों परा 25,924 अभ्यर्थी पंजीकृत रहे हैं पहली पाली की परीक्षा के लिए अभ्यर्थी परीक्षा दे रहे थे. इसी दौरान परीक्षा निरस्त होने की सूचना केन्द्रों पर आई. गोरखपुर के सिविल लाइन्स एरिया में दिग्विजयनाथ पीजी कालेज केन्द्र पर बाहर निकलने वाले अभ्यर्थी निराश दिखे.
कुशीनगर की रहने वाली प्रियंका ने बताया कि ये उन लोगों के लिए बड़ा झटका है. उन लोगों को नए सिरे से फिर से तैयारी करनी होगी. पेपर बहुत अच्छा आया था. उन्होंने बताया कि वे लोग दो से तीन साल परीक्षा की तैयारी करते हैं. प्रशासन से बड़ी चूक हुई है. नहीं तो चंद रुपए की लालच में ये लोग प्रश्नपत्र क्यों लीक करते. बड़हलगंज से आईं मरियम ने बताया कि ये उन लोगों के लिए बड़ा झटका है. पेपर रद्द करके उन लोगों का बड़ा नुकसान हो रहा है. छोटे बच्चों को घर पर छोड़कर आए हैं.
अनुपमा गोरखपुर के बक्शीपुर की रहने वाली हैं. वे काफी उम्मीद के साथ पेपर देने के लिए आईं हैं. लेकिन, नकल माफियाओं के ऊपर सख्ती बरतने में जरूर चूक हुई है. लेकिन उन लोगों के भविष्य के लिए पेपर निरस्त करना जरूरी रहा है. संदीप कहते हैं कि उन लोगों का इससे नुकसान हुआ है. पेपर आउट कराने वाले दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. इसका खामियाजा उन जैसे लोगों को भुगतना पड़ रहा है. क्योंकि वो लोग पूरी ईमानदारी के साथ तैयारी करके आए है. उन लोगों का भी सपना है कि वे लोग जल्द शिक्षक बन जाएं. लेकिन ऐसे में प्राथमिक विद्यालयों में होने वाली भर्तियों के साथ अन्य भर्तियों में भी देरी होगी. ऐसे में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.




