
बांदा रसूखदार माननीयों के दबाव में पुलिस के काम करने का आरोप लगाकर रोजाना प्रदर्शन किए जा रहे हैं। एसआईटी की जांच को खारिज किए जाने और तमाम तरह के आरोप लगाए जाने के बाद अब आई जी के सत्यनारायण ने मामले की जांच बांदा पुलिस से हटाकर हमीरपुर की क्राइम ब्रांच को सौंप दी है। वहीं दूसरी तरफ अमन त्रिपाठी के हत्यारों ।को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर लगातार बांदा में धरना प्रदर्शन जारी है
2 दिन से लापता भाजपा नेता संतोष त्रिपाठी के 14 साल के बेटे अंकित त्रिपाठी की लाश 13 अक्टूबर को केन नदी में बरामद की गई थी। उसके बाद से पुलिस पर तरह-तरह के आरोप लगते चले आ रहे हैं। पीड़ित पक्ष का कहना है कि रसूखदार माननीयों के दबाव में अमन के हत्यारों को बचाने में पुलिस जुटी हुई है
और इसी के आधार पर एसआईटी की जांच भी पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण दिखाई दे रही है। परिजनों का आरोप था कि एसआईटी की जांच में उन अधिकारियों को शामिल किया गया है जिन पर मामले को पटाक्षेप करने के आरोप लगे थे और जिन अधिकारियों ने पीड़ित परिवार को अपमानित किया था। इसी को लेकर “अमन को न्याय दो” की तख्तियां लिए रोजाना बांदा शहर में जगह-जगह पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन का दौर जारी है, कैंडल मार्च किए जा रहे हैं
और जन दबाव को देखते हुए अब आई जी ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए हमीरपुर की क्राइम ब्रांच को आदेश किया है। आज आईजी के सतनारायण खुद भी मृतक अमन के घर पहुंचे जहां उन्होंने उनके परिवार वालों से पूरी जानकारी ली और पड़ोस में भी लोगों से पूछताछ की है। अब देखना होगा कि पुलिस का तीसरी बार जांच बदलने का परिणाम क्या आता है अमन को न्याय मिल पाता है या न्याय रसूखदारों के षड्यंत्र में फंस कर रह जाएगा। यह देखने वाली बात होगी।


