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यूपी पंचायत चुनाव: बीजेपी सांसद-विधायकों के बेटी-दामाद लड़ सकेंगे इलेक्शन, जानें किसे नहीं मिलेगा टिकट

 

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यूपी में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए एक ओर जहां प्रशासनिक तैयारियां अंतिम चरण में चल रही हैं तो वहीं दूसरी ओर राजनीतिक पार्टियों ने भी कमर कस ली है। भाजपा, सपा, कांग्रेस, बसपा और आप में पंचायत चुनाव जीतने के लिएए मंथन शुुरू हो चुुका है। इसी कड़ी में बरेली में भाजपा की एक बैठक हुई। जिसमें भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी और प्रदेश सह महामंत्री संगठन कर्मवीर सिंह ने कहा कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता से पंचायत चुनाव लड़ायेगी। सांसद विधायक उनके परिवार के लोग चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन उनके रिश्तेदार साले बहनोई बेटी दामाद इनके चुनाव लड़ने पर कोई रोक नहीं है। बता दें कि पहले कहा जा रहा था कि किसी रिश्तेदार तक को टिकट नहीं मिलेगा।

भाजपा नेता सिविल लाइंस स्थित पार्टी कार्यालय पर क्षेत्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित किया। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश सह महामंत्री संगठन नेताओं ने कहा कि पार्टी का कार्यकर्ता राष्ट्रवादी है। हम अपने कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता के आधार पर पंचायत चुनाव लड़ायेंगे। सांसद, विधायक के बेटे, अविवाहित बेटी, भाई और भतीजे चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन उनके अन्य रिश्तेदारों के पंचायत चुनाव लड़ने पर कोई रोक नहीं है। पंचायत चुनाव में किसान आंदोलन का कोई असर नहीं है। आंदोलन में वास्तविक किसान नहीं है। विपक्ष के लोगों ने बाहरी कुछ लोगों के इशारों पर इसे आंदोलन का स्वरूप दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हित के लिए कानून बनाए हैं। इन कानूनों से किसानों का फायदा होगा। किसान अपनी उपज कहीं भी अपने मनपसंद दामों पर बेच सकेंगे। उन्होंने कहा कि बढ़ती पेट्रोल की कीमतों और गन्ना मूल्य ना बढ़ाये जाने का पंचायत चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि भाजपा सरकार आने के बाद ही किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया था। सभी चीनी मिलों से प्राथमिकता के आधार पर किसानों के गन्ने का भुगतान कराया।