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नसीमुद्दीन सिद्दीकी और रामअचल राजभर की बढ़ी मुसीबत, कुर्क की जाएगी संपत्ति, MP-MLA कोर्ट का बड़ा आदेश

लखनऊ. एमपी-एमएलए कोर्ट ने कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन और बसपा नेता राम अचल राजभर की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। कोर्ट ने दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह और उनके परिवार की महिलाओं के खिलाफ अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में उनकी संपत्ति कुर्क किए जाने का आदेश दिया है। नसीमुद्दीन ने ये टिप्पणी तब की थी, जब वह बसपा में हुआ करते थे। उसी मामले में कोर्ट ने बेहद सख्त रुख अपनाया है। आपको बता दें कि 22 जुलाई 2016 को दयाशंकर सिंह की मां तेतरी देवी ने हजरतगंज थाने में कराई एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें नसीमुद्दीन और रामअचल राजभर के अलावा मेवालाल गौतम, नौशाद अली और एएस राव समेत कई बसपा नेताओं पर परिवार की महिलाओं को लेकर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। एफआईआर में तेतरी देवी ने पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को भी नामजद किया था। आरोपियों के खिलाफ हजरतगंज पुलिस ने 12 जनवरी 2018 को सभी अभियुक्तों के खिलाफ 508, 509 ,153a, 34, 149 और पॉक्सो एक्ट में के तहत चार्जशीट दाखिल कर दी थी।

कोर्ट ने दिखाई सख्ती

इसी मामले में बीते दिनो अदालत में उपस्थित नहीं होने पर नसीमुद्दीन को भगोड़ा भी घोषित कर दिया गया था। अब कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए दोनों नेताओं की सम्पत्ति कुर्क करने के आदेश दिया हैं। कोर्ट ने इंस्पेक्टर हजरतगंज को 20 फरवरी को कुर्की की आख्या भी पेश करने का आदेश दिया है। जानकारी के मुताबिक इसी मामले में नसीमुद्दीन सिद्दीकी अर्जी देकर जमानत की मांग करते रहे हैं। लेकिन इस बार कोर्ट सख्त हो गया। जिसके बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दे दिया। जानकरी के मुताबिक इस मामले में कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्देश पर संज्ञान के बिंदु पर आरोपियों का पक्ष सुनने के बाद आरोपियों की अर्जी को खारिज कर दी थी।

दयाशंकर के परिवार पर की थी अभद्र टिप्पणी

इस मामले में किसी भी आरोपी ने जमानत नहीं कराई थी। इसलिए कोर्ट ने मामले के आरोपी बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल राजभर, राष्ट्रीय सचिव मेवा लाल, गौतम नौशाद अली और अतर सिंह राव को जमानत कराने का निर्देश दिया था। लेकिन आरोपीयो ने कोर्ट में हाजिर होकर जमानत नहीं कराई। इसी पर कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ वारंट और फरारी की उद्घोषणा का आदेश जारी किया था। कोर्ट ने इसी मामले में अब और सख्ती दिखाई है। आपको बता दें कि लखनऊ के हजरतगंज में स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर नसीमुद्दीन और रामअचल राजभर के नेतृत्व में बड़ी संख्या में बसपा नेता और कार्यकर्ता इकट्ठा हुए थे। उस दौरान आरोपियों ने दयाशंकर सिंह की मां, बहन व बेटी के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। आरोप है कि भीड़ को हि‍ंसा के लिए उकसाया भी गया था।