मोनिका रानी बचपन से ही आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखती थीं और अपने भाई की पढ़ाई से बहुत अधिक प्रेरित थीं. हालांकि, 2005 में उनकी शादी हो गई और वह मां भी बन गईं. इस दौरान उन्होंने दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में बतौर शिक्षिका नौकरी भी की. अपने सपने को पूरा करने के लिए आठ माह के बच्चे की मां होने के बावजूद उन्होंने सिविल सर्विस की कठिन तैयारी शुरू की और 2010 में 70वीं रैंक लाकर यूपी कैडर की आईएएस बनीं.
यूपी के बहराइच जिले की डीएम मोनिका रानी को प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. वह बीते साल बहराइच में आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के लिए चलाए गए ‘Operation wolf’ और मूर्ति विसर्जन के दौरान भड़की हिंसा के दौरान दंगाइयों से निपटने के चलते सुर्खियों में आई थीं.
आईएएस मोनिका रानी को बतौर डीएम वर्ष 2023 में ‘जिले का संपूर्ण विकास’ की श्रेणी में आगामी 21 अप्रैल को सिविल सर्विस डे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी PM Excellence Award से सम्मानित करेंगे. देश भर के 10 जिलों में शामिल बहराइच यूपी का एकमात्र ऐसा जिला है जिसकी डीएम मोनिका रानी की अनूठी पहल ‘सेवा से संतृप्तिकरण अभियान’ के चलते उन्हें पुरस्कार के लिए नामित किया गया है.
सेवा से संतृप्तिकरण अभियान’ के तहत डीएम मोनिका रानी ने इंडो-नेपाल सीमावर्ती जिले बहराइच के दूरस्थ गांव में सरकार के सभी विभागों से संचालित योजनाओं के स्टॉल लगाकर अपनी व जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में पात्र लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ दिलाया. जिसके बेहद कम समय में सार्थक परिणाम भी सामने दिखाई पड़े
डीएम मोनिका रानी के इसी कार्य के उत्कृष्ट कार्यान्वयन, विकसित भारत संकल्प यात्रा तथा आकांक्षी जनपद बहराइच के चर्तुमुखी विकास के लिए निर्धारित सूचकांकों में उत्कृष्ट उपलब्धि अर्जित करने के लिए कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, प्रशासनिक सुधार, भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023 के लिए ‘जिले का सम्पूर्ण विकास’ की श्रेणी हेतु प्रधानमंत्री पुरस्कार हेतु चयनित किया गया है.
क्यों की गई है प्रधानमंत्री पुरस्कार की स्थापना?
दरअसल, रचनात्मक प्रतिस्पर्धा, नवाचार, प्रतिकृति और सर्वोत्तम प्रथाओं के संस्थागतकरण (Institutionalization) को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से देश भर में सिविल सेवकों द्वारा किए गए अनुकरणीय कार्यों को मान्यता देने तथा पुरस्कृत करने के लिए भारत सरकार द्वारा लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार की स्थापना की गई है
इस अवार्ड की विशेषता यह है कि देश के 700 से अधिक जनपदों में से ‘जिले का सम्पूर्ण विकास’ की श्रेणी के लिए 10 जनपद चयनित किये गये हैं. जिसमें बहराइच उत्तर प्रदेश का अकेला जनपद है जिसे वर्ष 2023 हेतु प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए चुना गया है
बहराइच में पोस्टिंग के बाद आईएएस मोनिका रानी जिले में हुई दो बड़ी घटनाओं के चलते सुर्खियों में आईं. जहां एक ओर उन्होंने बहराइच में आतंक का पर्याय बने आदमखोर भेड़ियों से जिले को निजात दिलवाने में अहम भूमिका निभाई, वहीं अक्टूबर 2024 में मूर्ति विसर्जन के दौरान भड़की हिंसा से जिले को बाहर निकालने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी…
बहराइच से अमित श्रीवास्तव के साथ नूर आलम वारसी की रिपोर्ट….



