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DNM SPECIAL : पोकलैंड मशीन लगाकर दिन के उजाले में बीच जलधारा में किया जा रहा अवैध खनन

बुन्देलखण्ड ( राजू स्टेट हेड ) : बुन्देलखण्ड क्षेत्र में खनिज संपदा के रूप में पाये जाने वाले गिट्टी,मौरम,बालू सहित  अन्य  खनिज का लगातार दशकों से वैध व अवैध खनन के दोहन से जहां जीवनदायिनी नदियों व पहाड़ों का अस्तित्व विलुप्त होकर इतिहास में दर्ज होने की राह पर है। 
लाल सोने की लूट की चाह बांदा जनपद में लगातार परवान चढ़ती जा रही है। इस धंधे में खनन कारोबारी जमकर अवैध खनन करते हुए अपनी तिजोरियों को काले खेल से प्राप्त होने वाली रकम से भर रहे हैं। ऐसा ही मामला नरैनी क्षेत्र में गिरवा अंतर्गत संचालित होने वाली खदान बरियारी का है।  खदान संचालक द्वारा खनन नीति को धता बताते हुए अवैध खनन का खेल जमकर खेला जा रहा है।

केन नदी में संचालित बरियारी खदान में खदान के पट्टा धारक के असलहा धारी गुर्गों की सरपरस्ती में दिन रात नदी की मुख्य जलधारा में भारी-भरकम मशीनों से लाल सोने की लूट को अंजाम दिया जा रहा है।  खनन माफिया का विरोध करने की किसी में हिम्मत तक नहीं है। नाम न छापने की शर्त पर कुछ ग्रामीणों ने बताया कि लगातार अवैध खनन चल रहा है और पोकलैंड मशीनों से  बीच नदी से मोरम निकाल रहे हैं ।

गौरतलब है सरकारों द्वारा अधिक राजस्व पूर्ति का लक्ष्य निर्धारित कर हुए धनार्जन से विकास का रोल-मॉडल पेश करने की होड़ लगी है। वास्तविकता में आने वाली पीढ़ी क्षेत्रीय जनों को भविष्य में बंजर भूमि, कंक्रीट का जंगल, रेगिस्तान व अनुपयोगी पर्यावरण में जीवन यापन करने को मजबूर होने की सौगात मिलने वाली है। जिसमें मुख्य भूमिका बेहिसाब खनिज सम्पदा का अवैध दोहन होगा। सपा, बसपा और अन्य दलों ने खनिज माफियाओं को बढ़ावा देने के लिए सिंडिकेट के माध्यम से बेतहाशा खनन की छूट दी गई जिसमें हाय तौबा होने पर छोटे लोगों पर कार्रवाई कर उच्च सीट पर बैठे अधिकारियों ने  अपनी कुर्सी बचा ली 

वही जब  प्रदेश ने सत्ता में ईमानदार और तेज तर्रार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कुर्सी संभाली तो सबसे पहले खनिज नियमों में संशोधन कर ई-टेंडर के माध्यम से खनिज उत्खनन के लिए पट्टों का आवंटन नये नियमों के आधार पर किया। लेकिन कुछ सिंडीकेट माफियाओं के तंत्र ने पर्दे के पीछे से नये चेहरों को आगे रख खनिज पट्टों में अपनी पकड़ मजबूत कर खदानों को ले लिया। और अपने पुराने सहयोगी प्रशासनिक अधिकारियों, नेताओं व बाहुबली माफियाओं के दम पर मुख्यमंत्री योगी के द्वारा अवैध खनन परिवहन ओवरलोडिंग की रोकथाम के इंतजामों को तोड़कर अपनी मर्जी से खनन संक्रियाएं संचालित जारी कर दी जिसमें नदियों किनारे रहने वाले ग्रामीणों पर अत्याचार करना प्रारम्भ कर दिया 

प्रदेश सरकार के मुखिया हर बार बीडीओ कांफ्रेंसिंग समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश देते हैं कि उत्खनन क्षेत्र से खनिज ओवरलोडिंग व अवैध खनन पर प्रतिबंध लगा कर ठोस कार्रवाई करें लेकिन अधिकांश अधिकारी बीडीओ मीटिंग में तो इस मकड़जाल को तोड़ने का प्रयास करते हैं लेकिन इस धन वर्षा में अपनी उपयोगिता अनुसार हिस्सेदारी के लिए धृतराष्ट्र नीति को अपनाते हैं।