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Hathras : सत्संग में 121 से अधिक लोगों की मौत का मामला, पूरा सिस्टम सवालों के घेरे में…

तारीख 02 जुलाई दिन मंगलवार दोपहर के लगभग 02ः30 के आस पास का समय हर तरफ चीख पुखार मच रही थी लाशो के ढेर लग गये थे सिकंदराराऊ सीएचसी का मंजर देखने वालों की रुह कांप उठी। शवों को लेकर सायरन बजाती तेज रफ्तार से आ रही एम्बुलेंस और अफसरों का जमावड़ा पहली बार देखने को मिला। लोग रोते बिखलते स्वास्थ्य केन्द्र में दाखिल हुए और अपनों की लाशों को ढूंढते नजर आये। मगर हाथरस में मौत का सत्संग कराने वाला बाबा अपने फॉलोअर्स को देखने तक नहीं आ रहा. वह पुलिस को लगातार चकमा दे रहा है या फिर ये कहे पुलिस प्रशासन बाबा को बचाने का प्रयास कर रहा है।

यूपी के हाथरस में मंगलवार को हाहाकार मच गया. सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मच गई. भगदड़ ऐसी कि देखते ही देखते लाशों का अंबार लग गया. हाथरस कांड में 121 लोग मर गए. सभी भोले बाबा का प्रवचन सुनने सत्संग में आए थे. हाथरस की इस घटना से सबको झकझोर दिया. अस्पताल के बाहर लाशों के ढेर पड़े हैं. रोते-बिलखते परिजन हैं. पुलिस-प्रशासन और सरकार जख्मों पर मरहम लगाने में जुट गई है. शवों की पहचान की जा रही है. अभी तक करीब 76 शवों की पहचान हो चुकी है. अधिकारियों की मानें तो एटा और हाथरस सटे हुए जिले हैं और सत्संग में एटा के लोग भी शामिल होने पहुंचे थे. इसके अलावा सत्संग में आगरा, संभल, ललितपुर, अलीगढ़, बदायूं, कासगंज, मथुरा, औरैया, पीलीभीत, शाहजहांपुरर, बुलंदशहर, हरियाणा के फरीदाबाद और पलवल, मध्य प्रदेश के ग्वालियर, राजस्थान के डीग आदि जिलों से भी अनुयायी सत्संग में पहुंचे थे.
मगर हाथरस में मौत का सत्संग कराने वाला बाबा अपने फॉलोअर्स को देखने तक नहीं आ रहा. वह पुलिस को लगातार चकमा दे रहा है या फिर ये कहे पुलिस प्रशासन बाबा को बचाने का प्रयास कर रहा है।

आखिर कौन है ये भोले बाबा…

पुलिस की नौकरी से वीआरएस के बाद भगवान से साक्षात्कार हुआ ऐसा मानना स्वयंभू संत भोले बाबा का। स्वयंभू संत भोले बाबा खुद को लेकर कई दावे करते हैं। बकौल बाबा, कासगंज के पटियाली गांव के रहने वाले हैं। दरअसल, हाथरस हादसे का मुख्य जिम्मेदार साकार विश्व हरी भोले बाबा का असली नाम सूरज पाल है लगभग अट्ठाइस वर्ष पहले सूरज पाल उर्फ भोले बाबा इटावा में भी एलआईयू में तैनात रह चुका है सूत्रों के मुताबिक नौकरी के दौरान बलात्कार का मुकदमा लिखे जाने के बाद हेड कांस्टेबल सूरज पाल पुलिस विभाग से बर्खास्त किया गया था। शुरूआत में शासन की इसपर निगाहे तेज थी परंतु धीरे धीरे उच्च अधिकारी भी इसके चुंगल में फंसकर रह गये और धीरे धीरे इसकी बाबा गिरी फूलती फलती चली गई और इसके खिलाफ बोलने वाले क्षेत्रिय लोगो की जुबानों पर ताला लगा गया। इसके नाटकीय कार्यक्रम को देखने के लिए लाखो की संख्या में भीड़ दूर दूर से इकठ्ठी हो जाती है कहावत है जब पाप का घड़ा भरजाता है तो एक दिन फूटता अबश्य है। कामोवेश यही हाल हुआ।

कौन है देव प्रकाश मधुकर जिसको पुलिस ने बनाया मुख्य आरोपी

उत्तर प्रदेश के हाथरस में नारायण साकार हरि श्भोले बाबाश् का सत्संग खत्म होने के बाद मची भगदड़ के बाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। इसमें बाबा के मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर को मुख्य आरोपी बनाया गया है। भोले बाबा का नाम एफआईआर में शामिल नहीं है। वहीं, मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 105, 110, 126, 223, 238 में प्राथमिकी दर्ज की गई है। बाबा के अंडरग्राउंड होने की बात कही जा रही है। वहीं, सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि मैनपुरी स्थित ट्रस्ट के आश्रम में बाबा छुपा हुआ है। पुलिस ने आश्रम को घेर लिया है। किसी को भी आश्रम के अंदर या आश्रम से बाहर आने-जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है देव प्रकाश मधुकर हाथरस के रहने वाला हैं। सिकंदरामऊ कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला दमदमपुरा की न्यू कॉलोनी में वह रहता हैं। सत्संग करने वाला आरोपी देव प्रकाश मधुकर सरकारी विभाग में नौकरी करता है। उसके परिवार के साथ फरार होने की बात सामने आई है। फुलरई मुगलगढ़ी क्षेत्र में भोले बाबा के कार्यक्रम का आयोजन उनके स्तर पर ही कराए जाने की बात सामने आई है। देव प्रकाश अपने पूरे परिवार के साथ गायब हो गया है।


मृतको और घायलों के परिजनों पर सरकार का महरम….

हाथरस में चल रहे धार्मिक समागम में दुर्घटना की सूचना मिलते ही लखनऊ में मौजूद सीएम योगी आदित्यनाथ एक्शन में आ गए। घटना से आहत मुख्यमंत्री ने तत्काल न केवल तीन मंत्रियों को मौके पर भेजा बल्कि मुख्य सचिव और डीजीपी को भी व्यवस्थाओं को बेहतर करने तत्काल रवाना किया। देर शाम तक मुख्यमंत्री आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक चलती रही तो घटनास्थल पर गए मंत्रियों और अधिकारियों से मुख्यमंत्री सीधे अपडेट लेते रहे।
इसके बाद बुधवार की सुबह मुख्यमंत्री ने हाथरस पहुंचकर घायलों का हाल जाना. आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर के नेतृत्व में टीम गठित करके घटना के कारणों की जांच कराने का भरोसा दिया. सरकार कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है.
वहीं हाथरस में हुई भगदड़ की गूंज दिल्ली में भी सुनाई दी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह तक ने घटना पर शोक व्यक्त किया. और घायलों और परिवार वालों की हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इंडिया अलायंस के सभी कार्यकर्ताओं से राहत बचाव कार्य में जुटने की अपील की. हालांकि इस पर सियासत भी तेज हो चुकी है.

ज्यादातर धार्मिक आयोजनों में ही होती है भगदड़….

गौरतलब है ज्यादातर धार्मिक आयोजनों में ही भगदड़ क्यों होती है. ये एक खतरनाक ट्रेंड है और इस पर भारत जैसे आस्थावान लोगों के देश में कोई रोकटोक भी नहीं है. रिसर्च के दौरान हमें एक ऐसा आंकड़ा मिला जो इस ट्रेंड के बारे में बताता है. छब्त्ठ के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2000 से लेकर 2013 तक भगदड़ में लगभग दो हजार लोग मारे गए.इंटरनेशनल जर्नल ऑफ डिजास्टर रिस्क रिडक्शन यानी जेडीआरआर की 2023 में प्रकाशित एक रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में 79 फीसदी भगदड़ धार्मिक सभाओं और तीर्थयात्राओं के कारण होती है. भारत और विकासशील देशों में भीड़भाड़ से जुड़ी अधिकांश दुर्घटनाएं धार्मिक स्थलों पर होती है.

बहराल हाथरस की घटना दुखद और हृदय विदारक है डीएनएम न्यूज जनता से अपील करता है है कि ऐसे ढ़ोगी बाबाओ से बचना चाहिये जिन्होने इसको अपना व्यापार बना लिया है और यह बाबा अपने ही धर्म के लोगो का उत्थान रोकने की जगह अनैतिक कार्यो में लिप्त है और धर्म को बदनाम कर रहे है डीएनएन नेटवर्क की पूरी टीम इसका पुरजोर विरोध करती है।