लखनऊ ( अमित श्रीवास्तव ,संवाददाता ) :भारत ‘समाजवाद’ है। भारत ‘समान अवसर’ है। भारत ‘हर हाथ को काम – हर भूखे पेट को भोजन’ है। भारत ‘किसान-मजदूर की शान’ है। भारत ‘वंचितों-शोषितों’ के लिए नए रास्ते खोलने का अभिमान है। भारत ‘सहिष्णुता व सद्भाव’ है। भारत एक गौरवशाली ‘सामाजिक व सांस्कृतिक’ विरासत है। भारत ‘धर्म के आचरण की आजादी’ है। भारत ‘विविधता में एकता’ है।
सुरजेवाला जी ने आगे कहा कि आजाद भारत ने रूढ़ियों की बेड़ियों को तोड़कर जड़ता का बबूल नहीं बोया था, उसने विभिन्न धर्मों, खान-पान, पहनावे, भाषा-बोली के बहुलतावाद का बाग लगाया था। मगर पिछले 8 सालों से सत्ता के स्वार्थों के लिए भारत को हर स्तर पर तोड़ा जा रहा है और देश की संपत्ति व संसाधनों का रुख ‘मुट्ठीभर अमीर मित्रों’ की ओर मोड़ा जा रहा है।
कमरतोड़ महंगाई ने हर घर का बजट बिगाड़ दिया है। रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुएं खरीदना भी अब नामुमकिन हो गया है। युवाओं के वर्तमान व भविष्य को धूमिल कर बेरोजगारी राक्षसी रूप ले चुकी है। अमीर और अमीर तथा नौकरीपेशा-मध्यमवर्ग और गरीब और ज्यादा गरीब हो रहे हैं तथा अमीर और गरीब के बीच की खाई विकराल रूप ले चुकी है। आज फिर महात्मा गांधी के जन आंदोलन को दोबारा खड़ा करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि देश के वर्तमान हालात को देखते हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने श्री राहुल गांधी के नेतृत्व में एक नारा बुलंद किया है – ‘भारत जोड़ो’ का, जो प्रजातंत्र की गगनचुंबी ऊँचाइयों पर पहुंचेगा और तोड़ने की संस्कृति की तपती धूप में जोड़ने की मनोवृत्ति की शीतल छाया प्रदान करेगा। कश्मीर से कन्याकुमारी तक 7 सितंबर, 2022 से 3570 किलोमीटर की ‘भारत जोड़ो’ पदयात्रा लगभग बारह प्रांत एवं दो केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरेगी, जो हर भारतवासी के लिए ‘न्याय की हुंकार’ होगी।
आईये जानते हैं कि भाजपाई सत्ता का स्वार्थ देश को किस-किस तरह और कहाँ-कहाँ तोड़ रहा है।
बेरोजगारी से नाता तोड़ो – भारत जोड़ो
उन्होंने कहा कि 45 वर्षों की भीषणतम बेरोजगारी देश में परोस दी गई है। आज भी देश में बेरोजगारी की दर 8.1 प्रतिशत को पार कर रही है। जनवरी से अप्रैल की ‘सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी’ (CMIE) की रिपोर्ट बताती है कि 15 से 19 साल के युवाओं में बेरोजगारी दर 74.84 प्रतिशत है, 20 से 24 साल के युवाओं में बेरोजगारी दर 48 प्रतिशत है और 25 से 29 साल के युवाओं में बेरोजगारी दर 15.55 प्रतिशत है। महिलाओं के लिए तो बेरोजगारी और गंभीर स्वरूप लिए हुए है, 15 से 19 साल 94.50 प्रतिशत, 20 से 24 साल 79.53 प्रतिशत, 25 से 29 साल 48.77 प्रतिशत है।
भाजपा और बेरोजगारी ‘हमसाया’ हैं। भाजपा-निर्मित बेरोजगारी तोड़ो, भारत जोड़ो।
उद्योग मंद, व्यापार बंद का द्वंद तोड़ो – भारत जोड़ो
श्री सुरजेवाला जी ने कहा कि भारत की रीढ़ की हड्डी, यानि सूक्ष्म-लघु व मध्यम श्रेणी के उद्योगों को तोड़ा गया। RBI ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि नोटबंदी और गलत तरीके से जीएसटी लागू करने से देश के MSME को गहरा झटका लगा। MSME का जीडीपी में हिस्सा 30 प्रतिशत है, मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट में हिस्सा 45 प्रतिशत और एक्सपोर्ट में MSME की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है। एक अनुमान के अनुसार देश की 60 लाख MSME फैक्ट्रियां हमेशा के लिए बंद हो गईं। करोड़ों रोजगार भी चले गए।
अमीर-गरीब की खाई तोड़ो – भारत जोड़ो
उन्होंने आगे कहा कि महामारी की विभीषिका में 84 प्रतिशत भारतीय घरों की आय कम हो गई, देनदारी बढ़ गई, और दूसरी ओर 142 सबसे अमीर भारतीयों की आय ₹30,00,000 करोड़ बढ़ गई।
(मार्च 2020 में ₹23 लाख करोड़ से बढ़कर नवंबर 2021 में ₹53 लाख करोड़)। गुजरात के मोदी जी के एक चहेते मित्र तो अब देखते-देखते दुनिया के तीसरे सबसे अमीर आदमी हो गए। उनकी आय तो 1000 करोड़ रु. प्रतिदिन तक बढ़ी।
इसके विपरीत ‘ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट’ ने बताया कि भारत में भुखमरी के हालात ये हैं कि हम पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश से पिछड़ गए हैं, 116 देशों की लिस्ट में हमारा देश 101वें पायदान पर पहुंच गया है।
दिसंबर 2021 में आई ‘‘विश्व असमानता रिपोर्ट’’ का खुलासा और चौंकाने वाला है। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश में 10 प्रतिशत धन्ना सेठों के पास देश की कुल आय की 57 प्रतिशत कमाई है। पर निम्न व मध्यम वर्ग की 50 प्रतिशत आबादी के पास देश की कुल आय की केवल 13 प्रतिशत कमाई है। यानि अमीर और अमीर तथा गरीब और गरीब।



