गोंडा (जिला संवाददाता प्रिंस कुमार) : मंगलवार को विष्णुपुरी स्थित कविवर सुरेश मोकलपुरी के आवास पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद अवध प्रान्त के जनपदीय इकाई गोण्डा की बैठक साहित्य भूषण डा० सूर्यपाल सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। आजादी का अमृत महोत्सव विषय पर आयोजन के प्रथम दौर में सगोष्ठी का शुभारम्भ कविवर सुरेश मोकलपुरी ने किया और आजादी का अमृत महोत्सव के विषय पर सविस्तार अपने विचार व्यक्त किये विचार गोष्ठी का संचालन करते हुए कविवर एवं परिषद के जिला अध्यक्ष उमा शंकर शुक्ल “आलोक” ने कवि शिवाकान्त मिश्र “विदोही”को अपने विचारों को रखने के लिए आमन्त्रित किया श्री विद्रोही जी ने आजादी के पूर्व और आजादी के इन 75 सालों की एक समीक्षात्मक तुलना गोष्टी में रखी गोष्ठी में जिला बार एसोशियेशन के अध्यक्ष व कवि श्री रवि चंद्र त्रिपाठी ने आज के परिवेश आजादी का अमृत महोत्सव मनाये जाने की सार्थकता और प्रासंगिकता पर अपने विचार रखे। गोष्ठी में लाल बहादुर शास्त्री पोस्ट ग्रेजुएट कालेज के हिन्दी विभाग के प्रोफेसर डॉ० जय शंकर तिवारी ने आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष हो रही छिटपुट अप्रिय घटनाओं का जिक्र करते हुए विस्तार से अपना वक्तव्य प्रकट किया लाल बहादुर शास्त्री पोस्ट ग्रेजुएट कालेज के हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० शैलेन्द्र नाथ मिश्र ने इस अवसर पर कहा कि आज भारतवासियों को हिन्दू मुस्लिम,सिख , ईसाई से ऊपर उठकर मात्र भारतीय बनने की आवश्यकता है और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के संरक्षण पर बल देने की आवश्यकता है। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए साहित्य भूषण डॉ0 सूर्यपाल सिंह ने कहा की गोष्ठी में बैठे आप सभी आजाद भारत में पैदा हुए है , लेकिन जहाँ तक मेरा सवाल है आजादी का जन्म इस देश में मेरे जन्म के बाद हुआ है और तमाम उतार – चढ़ाव देश में मेरे सामने से गुजरे है । मुझे यह कहने में संकोच नहीं है कि आजादी के दौरान इन 75 सालों सालों में देश में काफी प्रगति की है और देश प्रगति का स्तर वहीं नहीं है जहाँ आजादी वर्ष 1947 में था। वास्तविकता तो यह है कि केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में राष्ट्रीयता का क्षरण हुआ है और आज का आदमी अपने आपको किसी देश तक ही सीमित नहीं रखना चाहता वरन वह अपने को वैश्विक व्यक्ति कहने में गर्व का अनुभव करता है । आजादी के अमृत महोत्सव पर विचार विमर्श के उपरान्त दूसरे दौर में कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ जिसका संचालन कविवर शिवा कान्त मिश्र ” विद्रोही ने किया इस कवि गोष्ठी की अध्यक्षता भी डॉ0 सूर्यपाल सिंह द्वारा की गई कवि गोष्ठी का प्रारंभ सर्वप्रथम कवित्री सुश्री नीता सिंह की वाणी वंदना से किया गया।
