
मेरठ। उत्तर प्रदेश में चार दशक से कांग्रेस (congress) की डूबती नाव को उभारने के लिए प्रियंका गांधी (priyanka gandhi) नए फार्मूले पर अब आगे बढ़ेंगी। जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़ने से कांग्रेस के भीतर हालांकि किसी प्रकार की कोई सुगबुगाहट नहीं है। लेकिन इससे उलट अब पार्टी किसानों को साधने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में ‘जय जवान-जय किसान’ नारे पर आगे बढ़ने पर प्लान बना रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट-गुर्जर कार्ड खेलते हुए दिग्गज गुर्जर चेहरा सचिन पायलट और जाट चेहरा दीपेंद्र हुड्डा को भी सक्रिय करने की तैयारी चल रही है। कांग्रेसी सूत्रों की मानें तो पार्टी हाईकमान प्रियंका को प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर आधी आबादी को साधने का मंथन कर रहा है।
दरअसल, कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने पश्चिमी यूपी में पार्टी को मजबूत करने के लिए जमीन बनानी शुरू कर दी है। सहारनपुर में शाकंभरी देवी मंदिर से इसकी शुरूआत हो चुकी है। यह पश्चिमी उप्र का एकमात्र ऐसा जिला है, जहां कांग्रेस के दो विधायक हैं। प्रियंका की टीम पश्चिमी उप्र में रालोद से खिसके वोटबैंक पर खासतौर पर फोकस कर रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू लगातार भाकियू नेता राकेश टिकैत के संपर्क में हैं। वे किसानोंं की तपिश भाप रहे है।
जानकारों की मानें तो कांग्रेस के लिए पश्चिमी उप्र में डगर इतनी आसान नहीं है। जाट और गुर्जर के साथ ही ओबीसी का वोट काफी हद तक भाजपा के पाले में है। प्रियंका ने गुर्जर-जाट किसानों को साधने के लिए पार्टी के दो दिग्गज युवाओं को पश्चिमी यूपी में सक्रिय करने की रणनीति बनाई है। सचिन पायलट और दीपेंद्र हुड्डा जल्द ही किसानों के बीच संतुलन साधने के लिए पश्चिमी उप्र का दौरा करेंगे।
बता दें कि प्रियंका ने दस फरवरी को सहारनपुर में मां शाकंभरी देवी मंदिर में मत्था टेका था। इसके बाद खानकाह रहीमी रायेपुर पहुंचीं, जहां खानकाह के प्रबंधक अतीक अहमद ने उनका खैरमकदम किया था। प्रियंका ने न सिर्फ मुस्लिम धर्मगुरुओं बल्कि ब्राहमणों को भी साधने की कोशिश कर रही है। यूपी की कमान अब पूरी तरह से प्रियंका गांधी के हाथ है। ऐसे में वो हर तरह से प्रदेश में सभी वर्गों को साधने की पूरी कोशिश में लगी हैं।


