
लोकसभा में बजट सत्र के दौरान चर्चा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि महामारी की स्थिति में भी सरकार ने प्रोत्साहन और सुधार जैसे कार्य किए हैं। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि महामारी जैसी चुनौतीपूर्ण स्थिति सरकार को इस देश में दीर्घकालिक विकास को बनाए रखने के लिए आवश्यक सुधारों पर फैसले लेने से नहीं रोक सकती है।

प्रधानमंत्री के अनुभव पर आधारित पर बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ये बजट प्रधानमंत्री के अनुभव का है, जब वो मुख्यमंत्री हुआ करते थे। 1991 के बाद जब लाइसेंसिंग और कोटा राज खत्म हो रहा था, तब कई तरह के संशोधन किए जा रहे थे और उसी अनुभव के आधार पर इस बजट में सुधार के प्रति प्रतिबद्धता को मिश्रित किया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि भारतीय उद्यमी, प्रबंधकीय, व्यापार, व्यवसाय, युवा, जनसंघ की प्रतिभा का सम्मान करते हैं। भाजपा ने हमेशा भारत में ही विश्वास किया है। हमने कहीं से कुछ उधार नहीं लिया है और हाइब्रिड नहीं बनाया है।
स्वास्थ्य के लिए आवंटन में कमी नहीं आएगी – वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ने कहा कि इस बार बजट के भाषण के दौरान मैंने साफ तौर पर कहा था कि हम स्वास्थ्य के मोर्चे पर समग्र दृष्टिकोण रखेंगे। यह निवारक स्वास्थ्य, उपचारक स्वास्थ्य और भलाई को भी संबोधित कर रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि मैं दृढ़ता से यह बात कहना चाहूंगी कि पानी और स्वच्छता के लिए रिफॉर्म्स के बाद स्वास्थ्य के लिए आवंटन में कोई कमी नहीं आएगी।
दामादों को कभी राज्यों में जमीन मिलती थी – वित्त मंत्री
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के बारे में बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जो लोग हम पर क्रोनी के साथ डील करने का आरोप लगाते हैं, उन्हें मैं यह जवाब देना चाहती हूं कि स्वनिधि योजना का पैसा क्रोनीज को नहीं जाता है। दामाद को उन राज्यों में जमीन मिलती है, जहां पर पहले कभी कुछ पार्टियों का शासन चला करता था। राजस्थान..हरियाणा में कभी ऐसा होता था।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत हमने 50 लाख छोटे व्यापारियों को एक साल के लिए दस हजार रुपये दिए हैं। ये किसी के क्रोनी नहीं है। अब क्रोनी कहां है, ये उस पार्टी के पीछे जा छुपे हैं, जिसे जनता ने नकारा है। वित्त मंत्री ने कहा कि हमारे क्रोनी हमारी जनता है।
अल्पसंख्यकों के लिए आवंटित की गई राशि को नहीं घटाया है – वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ सांसदों ने सवाल किया था कि क्या अल्पसंख्यकों, एससी-एसटी समुदाय के लिए आवंटित राशि को कम कर दिया गया है? जी नहीं, अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कुल आवंटित की गई राशि 4,811 करोड़ रुपये है, जो मंत्रालय के लिए 8.6 फीसदी औसतन ज्यादा है।
इसके अलावा एससी समुदाय के कल्याण के लिए आवंटित राशि साल 2020-21 से 83,257 करोड़ रुपये बढ़ाकर 2021-22 के लिए 1,26,259 कर दी है। वहीं एसटी समुदाय के कल्याण के लिए 2020-21 में आवंटित राशि को 53,653करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2021-22 में 79,942 करोड़ रुपये कर दी है।



