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BJP नेता रामपाल माजरा का इस्तीफा, बोले- सरकार खुद नाकाम है पर किसानों को बदनाम कर रही है

बीते साल शुरू हुए किसान आंदोलन के कारण हरियाणा सरकार पर खतरे के सियासी बादल मंडरा रहे थे। हरियाणा सरकार में निर्दलीय विधायकों में से कईयों ने कृषि कानूनों का खुलेआम विरोध किया।

कल शाम हरियाणा में इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देकर किसानों का समर्थन करने का ऐलान किया है।

अब हरियाणा के पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने भी किसानों के समर्थन में भाजपा छोड़ने की घोषणा की है। उन्होंने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा छोड़ने पर आधिकारिक रूप से फैसला सुनाया है।

आपको बता दें कि इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला के बाद हरियाणा में रामपाल माजरा दूसरे ऐसे बड़े नेता हैं। जिन्होंने किसानों के समर्थन में इस्तीफा दिया है। कल रामपाल माजरा ने अभय सिंह चौटाला द्वारा उठाए गए कदम की सराहना भी की थी।

चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा नेता रामपाल माजरा ने कहा कि गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में घटी घटना की कड़ी निंदा करता हूं। सरकार खुद को राष्ट्रवादी कहती है। लेकिन देश की शान और मर्यादा को कायम रखने में नाकामयाब साबित हुई।

रामपाल माजरा ने आरोप लगाया है कि लाल किले में घटी घटना किसानों को बदनाम करने की पहले से ही सुनियोजित चाल थी।

लाल किले पर उपद्रवियों द्वारा धार्मिक झंडा फहराया गया। जो कि सरकार के इशारे पर उन्हीं के लोगों द्वारा किया गया है। सोशल मीडिया पर उन लोगों के फोटो भी सामने आ चुके हैं।

बीते कई महीनों से किसान कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। लेकिन भाजपा उनकी समस्या को हल कर पाने में असमर्थ साबित हुई है। मैं ऐसी पार्टी से अपना कोई रिश्ता नहीं रखना चाहता।

इसके साथ ही रामपाल माजरा ने यह भी कहा है कि आज उन्होंने भारतीय जनता पार्टी छोड़ दी है। बहुत ही जल्द अन्य नेता भी उनका साथ छोड़ देंगे।