प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर ‘विकसित यू0पी0@2047‘ संवाद श्रृंखला के अन्तर्गत नगर निगमों के महापौर, नगरपालिका परिषदों और नगर पंचायतों के अध्यक्षों तथा सदस्यों के साथ संवाद किया। इस संवाद कार्यक्रम का माहौल उत्साह और आत्मविश्वास से भरा रहा। नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों के अध्यक्षों ने मुख्यमंत्री जी से अपने-अपने नगर में हुए बदलाव और विकास की कहानियाँ साझा कीं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति में नगर निकायों की भूमिका सबसे अहम है। हर नगर निकाय को यह संकल्प लेना होगा कि वह अपने नगर को स्वच्छ, आधुनिक, सुगठित और आत्मनिर्भर बनाने में कोई कमी न छोड़े। प्रत्येक नगर निकाय अपनी कार्ययोजना में नवाचार को स्थान दे व ‘ईज़ ऑफ लिविंग‘ की अवधारणा के साथ नागरिक सेवाओं के आधुनिकीकरण को केंद्र में रखे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शहरी विकास केवल बुनियादी सुविधाओं तक सीमित न रहे, बल्कि हर नगर स्मार्ट सेवाओं, हरीतिमा विस्तार, बेहतर यातायात व्यवस्था और डिजिटल पहुँच का आदर्श बने। प्रत्येक नगरीय निकाय को आय सृजन के नए माध्यम बनाने होंगे। अपनी कार्ययोजना बनाते समय सभी निकायों को इसके लिए प्रयास करना चाहिए। यह तभी सम्भव है, जब जनप्रतिनिधि स्वयं पहल करें और नागरिकों को इस यात्रा का सक्रिय भागीदार बनाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश इस राष्ट्रीय यात्रा का अग्रणी राज्य है। विगत साढ़े 08 वर्षों में नगरीय विकास के क्षेत्र में राज्य ने ऐतिहासिक उपलब्धियाँ दर्ज की हैं। 127 से अधिक नए नगर निकायों का सृजन और पुनर्गठन, 17 स्मार्ट सिटी का विकास, ई-गवर्नेंस सेवाओं का विस्तार, मेट्रो, आर0आर0टी0एस0 और रोपवे जैसे आधुनिक परिवहन के प्रयास तथा ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन और सीवरेज की नई योजनाएँ इसी दिशा में उठाए गए ठोस कदम हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लखनऊ और गाजियाबाद नगर निगम ने अपने म्युनिसिपल बाण्ड जारी किए। प्रत्येक नगरीय निकाय ने ढाई से तीन गुना तक आय बढ़ाई है। आज अयोध्या, काशी, मथुरा और प्रयागराज हो या गाजियाबाद, लखनऊ, झांसी, मथुरा और लखनऊ, प्रत्येक नगर नई ऊर्जा-नए स्वरूप में नए उत्तर प्रदेश की पहचान बने हैं। आने वाले वर्षों में प्रदेश की शहरी आबादी कई गुना बढ़ेगी, ऐसे में नगर निकायों को अपनी सोच और कार्यशैली दोनों को बदलना होगा। शहरी विकास की योजनाएँ भविष्य की चुनौतियों और अवसरों को ध्यान में रखकर ही तैयार करनी होंगी। उन्होंने नगर निगमों में इण्टीग्रेटेड कन्ट्रोल कमाण्ड सेण्टर के बहुआयामी उपयोग के बारे में भी जानकारी दी।
मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी के ‘अमृतकाल के पंच प्रण’ को दोहराते हुए ‘विकसित यू0पी0@2047’ का विज़न साझा किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को इनसे जुड़ना होगा। यह रोडमैप अर्थशक्ति, सृजनशक्ति और जीवनशक्ति के तीन स्तम्भों पर आधारित है। इसके अन्तर्गत 12 सेक्टर निर्धारित कर सेक्टरवार विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जाना है।
कार्यक्रम के दौरान अभियान से जुड़ी एक वीडियो फ़िल्म प्रदर्शित की गई। क्यू0आर0 कोड और पोर्टल के माध्यम से आम नागरिकों से सुझाव आमंत्रित करने की प्रक्रिया का परिचय भी कराया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अब तक 12 लाख नागरिक अपने सुझाव साझा कर चुके हैं। इन सुझावों का सारांश भविष्य की नीतियों और योजनाओं का आधार बनेगा। प्रत्येक जनपद से तीन और प्रदेश स्तर पर पाँच श्रेष्ठ सुझावों को सम्मानित किया जाएगा। यह प्रक्रिया केवल अभिमत संग्रहण नहीं है, बल्कि जनता की आकांक्षाओं को राज्य की नीतियों में शामिल करने का ऐतिहासिक प्रयास है।
मुख्यमंत्री जी ने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे उनके द्वारा इस अभियान से सम्बन्धित भेजे गए पत्र को विभिन्न बैठकों और सभाओं में अनिवार्य रूप से पढ़ें, ताकि सरकार का संदेश हर नागरिक तक पहुँचे। जनप्रतिनिधियों को इसे आम चर्चा का विषय बनाने के लिए प्रयास करना होगा।
सभी नगरीय निकायों में विकसित यू0पी0@2047 विषय पर संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, नगर विकास और नियोजन विभाग इस सम्बन्ध में आवश्यक प्रबन्ध करे। प्रत्येक परिवार से कम से कम एक सुझाव जरूर प्राप्त हो, इसके लिए सभी को प्रयास करना होगा। यह आने वाली पीढ़ी के लिए एक स्मरणीय दस्तावेज होगा। अगले पाँच वर्षों में उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2047 तक 06 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है। यह लक्ष्य हर प्रदेशवासी के सहयोग से ही प्राप्त हो सकेगा।
संवाद के दौरान अयोध्या के महापौर श्री गिरीश पति त्रिपाठी ने कर-करेत्तर आय में अभूतपूर्व वृद्धि का उल्लेख करते हुए बताया कि प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु और पर्यटक नगर में आते हैं और निगम उन्हें स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री जी ने अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की योजना की चर्चा करते हुए सुझाव दिया कि अयोध्या नगर निगम महापौरों का सम्मेलन आयोजित करे, ताकि यहाँ का विकास मॉडल अन्य निकायों को भी मार्गदर्शन प्रदान करे।
फिरोजाबाद की महापौर श्रीमती कामिनी राठौर ने बताया कि नगर निगम की आय 18 करोड़ रुपये से बढ़कर 40 करोड़ रुपये वार्षिक हो गई है। निगम द्वारा बनाया जा रहा मॉल स्थायी आय बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री जी ने इसे सराहनीय प्रयास बताते हुए पूरी कार्यकारिणी को बधाई दी।
झांसी के महापौर श्री बिहारी लाल आर्य ने बताया कि बुंदेलखण्ड इण्डस्ट्रियल डेवलपमेण्ट अथॉरिटी, डिफेन्स कॉरिडोर नोड और बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस-वे जैसे प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री जी के विशेष स्नेह का परिणाम हैं। स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में झांसी की राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे स्थान की उपलब्धि, ठोस व तरल अपशिष्ट निस्तारण के प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने बताया कि निगम की आय तीन वर्षों में 25 करोड़ रुपये से बढ़कर 80 करोड़ रुपये हो गई है, जिसे 100 करोड़ तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है।
गाजियाबाद के मोदीनगर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष श्री विनोद जाटव वैशाली ने स्थानीय आय वृद्धि और खाली भूमि के सदुपयोग पर सुझाव रखते हुए मार्गदर्शन माँगा। वहीं, नगर पालिका परिषद मीरजापुर के अध्यक्ष श्री श्याम सुन्दर ने बताया कि नगर पालिका परिषद की आय 5.89 करोड़ रुपये से बढ़कर 11 करोड़ रुपये हो गई है। यहाँ डिजिटल सेवाओं के साथ नागरिकों को मुफ्त वाई-फाई की सेवा भी उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी ने यहाँ माँ विन्ध्यवासिनी धाम के निकट मल्टीलेवल पार्किंग तथा यात्री विश्राम स्थल के निर्माण का सुझाव दिया।
नगर पालिका परिषद देवरिया की अध्यक्ष श्रीमती अलका सिंह ने स्थानीय विकास कार्यों का ब्यौरा दिया, जिस पर मुख्यमंत्री जी ने खाली भूमि पर मल्टीलेवल पार्किंग बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। इसी तरह नगर पालिका परिषद सुल्तानपुर के अध्यक्ष श्री प्रवीण अग्रवाल से मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार जिला मुख्यालय वाली नगर पालिकाओं को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने जा रही है।
मेरठ की नगर पंचायत फलौदा के अध्यक्ष श्री अशोक सैनी ने बताया कि नगर पंचायत की आय 20 लाख रुपये से बढ़कर 44 लाख रुपये हो गई है। मुख्यमंत्री जी ने तकनीक और नवाचार आधारित योजनाएँ अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों को भवन मानचित्र पास करने का अधिकार देने पर विचार कर रही है। मथुरा की महावन नगर पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती मंजू देवी ने बताया कि 10 हजार की आबादी वाली उनकी नगर पंचायत भी मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में विकसित यू0पी0 अभियान का हिस्सा बन कर गर्व की अनुभूति कर रही है।
प्रयागराज के महापौर श्री उमेश गणेश केसरवानी ने बताया कि स्थानीय स्तर पर आई0टी0 सिटी के विकास का संकल्प पारित किया गया है। उन्होंने 2.19 लाख पौधे लगाकर नया वन क्षेत्र सृजित करने एवं ‘नए प्रयागराज’ के निर्माण के प्रयासों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री जी ने प्रयागराज में शिवालिक पार्क जैसे और हरित प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया। सम्भल की बबराला नगर पंचायत के अध्यक्ष श्री हर्षवर्धन वार्ष्णेय और सहारनपुर की रामपुर मनिहारन नगर पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती रेनू ने भी अपने क्षेत्रों के बदलाव साझा किए।
शाहजहाँपुर की पुवायां नगर पंचायत के अध्यक्ष ने बताया कि नगर में नया मार्केट बनाया जा रहा है, जिससे आय सृजन का स्थायी माध्यम तैयार होगा। मुख्यमंत्री जी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यही विकसित यू0पी0@2047 की भावना है कि प्रत्येक नगर निकाय अपनी विशिष्टताओं और संसाधनों का सदुपयोग कर आत्मनिर्भरता और नागरिक सुविधा की दिशा में आगे बढ़े





