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Mission 2024: बसपा, सपा और कांग्रेस के गढ़ भेदने में आज जुटेगी भाजपा

लखनऊ : आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उप चुनाव में सपा का गढ़ ढहाने के बाद भाजपा अब 2019 के लोकसभा चुनाव में हारी हुई 14 सीटों पर जीत की चौसर बिछाएगी। बसपा, सपा और कांग्रेस के कब्जे वाली 14 सीटों पर लोकसभा चुनाव 2024 में जीत दर्ज करने के लिए भाजपा बुधवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में रणनीति तय करेगी।
लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा गठबंधन को 80 में से 64 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं सपा को मुरादाबाद, संभल, मैनपुरी, आजमगढ़ और रामपुर सीट पर जीत मिली थी। बिजनौर, अमरोहा, अंबेडकरनगर, गाजीपुर, घोसी, जौनपुर, लालगंज, नगीना, सहारनपुर और श्रावस्ती लोकसभा सीट पर बसपा जीती थी। सिर्फ रायबरेली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चुनाव जीती थीं। हाल ही में सपा का गढ़ माने जाने वाले आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में भाजपा ने दोनों सीटों पर कब्जा जमा लिया है।
अब प्रदेश में एनडीए के लोकसभा सदस्यों की संख्या 66 हो गई है। लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने 80 में से 75 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि 2019 में हारी सीटों पर अभी से चुनावी चौसर बिछाने से लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। इस क्रम में भाजपा विपक्ष के कब्जे वाली इन सीटों पर भी कमल खिलाने के लिए बुधवार से तैयारी शुरू करेगी।

विपक्ष के कब्जे वाली सीटों पर हार के कारणों की बूथवार होगी समीक्षा
पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में विपक्ष के कब्जे वाली 14 लोकसभा सीटों के प्रभारी और संयोजकों की बैठक बुलाई गई है। बैठक में उन्हें क्षेत्रों का दौरा कर वहां 2019 के चुनाव परिणाम की बूथवार समीक्षा कर हार के कारणों का मंथन करने का एजेंडा सौंपा जाएगा। प्रभारी और संयोजक अलग-अलग समय पर क्षेत्रों का दौरा कर बूथ पर मतदाताओं के जातीय समीकरण, केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों के रुझान, 2024 लोकसभा चुनाव में उन बूथों पर जीत दर्ज करने के उपायों की योजना बनाकर प्रदेश नेतृत्व को देंगे। प्रदेश नेतृत्व प्रभारी और संयोजकों की रिपोर्ट के आधार पर उन सभी 14 लोकसभा सीटों पर जीत के लिए माइक्रो प्लानिंग कर उसका क्रियान्वयन कराएंगे।