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Breaking News : ई-पेंशन पोर्टल लांच करने वाला पहला राज्य बना उत्तर प्रदेश,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया शुभारंभ

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को पेंशन व ग्रेच्युटी का समय से भुगतान करने के लिए बनाए गए पोर्टल का शुभारंभ लोक भवन में रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश के 11 लाख पेंशनधारकों को बधाई। यूपी देश का पहला राज्य है जिसने ई-पेंशन पोर्टल लांच किया है। यह पेंशन पोर्टल वित्त विभाग ने तैयार किया है। इसमें रिटायरमेंट के छह माह पहले से ही कर्मचारी के आवेदन के साथ ही पेंशन आदि की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और तीन माह शेष रहने तक पेंशन, ग्रेच्युटी आदि के भुगतान के आदेश जारी हो जाएंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन में श्रम दिवस (एक मई) के अवसर पर पेंशन व पेंशनर से संबंधित सेवाओं के प्रबंधन के लिए ई-पेंशन पोर्टल का शुभारम्भ किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस तरह सुविधा देने वाला देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश शासन ने आज ई-पेंशन पोर्टल https://epension.up.nic.in का शुभारंभ किया है। जिससे 11.5 लाख कार्मिक सीधे-सीधे लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने उन 1220 पेंशनरों के खाते में पेंशन भेजी जो कि 31 मार्च 2022 को रिटायर हुए हैं। इसकी शुरुआत से अब पेंशनर्स को अपने सभी देय के लिए व्यर्थ की भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। एक क्लिक पर उनका सारा ब्यौरा कोषागार में मिलेगी। सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट से छह महीने पहले इस ई-पेंशन पोर्टल पर अपना आवेदन करना होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वित्त विभाग ने ई-पेंशन पोर्टल का विकास किया है। इस पोर्टल के जरिये ऐसी व्यवस्था की गई है कि सेवानिवृत्त होने वाले राज्य कर्मचारियों का पेंशन पेमेंट आर्डर जारी होने के बाद उनकी ग्रेच्युटी तथा राशिकरण का भुगतान सेवानिवृत्ति तिथि से अगले तीन कार्यदिवसों में कर दिया जाएगा।

इसके साथ ही, पेंशन प्रारंभ होने की तारीख को पेंशनर के बैंक खाते में पेंशन का भुगतान आनलाइन कर दिया जाएगा। सचिव वित्त संजय कुमार के निर्देश पर सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारी ई-पेंशन पोर्टल के उद्घाटन कार्यक्रम से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे। इनके साथ जिले के मुख्य या वरिष्ठ कोषाधिकारी और जिला कोषागार से पेंशन प्राप्त करने वाले 50-100 पेंशनरों की भी इस मौके पर उपस्थिति थी। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के साथ वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा तथा अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से प्रदेश ने पांच वर्ष में तकनीक का अधिकाधिक उपयोग किया है। उसी का परिणाम है कि प्रत्येक क्षेत्र में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। ई-पेंशन पोर्टल इसी प्रक्रिया का एक हिस्सा है, ताकि आपके जीवन को और सरल किया जा सके। ई-पेंशन पोर्टल आनलाइन डैशबोर्ड से पूर्ण रूप से अनुरक्षित होगा। उत्तर प्रदेश, देश का पहला राज्य होगा, जो अपने पेंशन धारकों को यह सुविधा प्रदान करने जा रहा है। अब पेंशन के लिए किसी को भी भटकना नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमने राज्य के कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान को लेकर कदम उठाया है। तकनीक के उपयोग से व्यापक परिवर्तन आया है। अब तो पेंशन धारकों की समस्या को दूर किया गया है। अब तो पेंशनर्स को परेशान नहीं होना पड़ेगा। पेंशन के लिए किसी को भटकना नहीं पड़ेगा। अब तो पेपर लेस और कैशलेस प्रक्रिया होगी। इन सभी का अब पेंशनभोगी नहीं पेंशनयोगी के रूप में सम्मान होगा।

आनलाइन सेवा पोर्टल epension.up.nic.in के तहत पीपीओ जारी हो जाने के बाद ग्रेच्युटी, राशिकरण का भुगतान कार्मिक की सेवानिवृत्ति तारीख के बाद तीन कार्यदिवसों में हो सकेगा। तय तिथि पर पेंशनर के बैंक खाते में पेंशन का भुगतान भी आनलाइन हो जाएगा। इसके तहत कर्मचारी को उसके लागिन आइडी बन जाने के एक महीने के अंदर यूनीक इम्प्लाई कोड और पंजीकृत मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर ई-पेंशन पोर्टल पर प्रदर्शित हो रहे फार्म को आनलाइन भरना होगा। इस दौरान अपने सेवा संबंधी अभिलेख पोर्टल पर अपलोड भी कर सकते हैं। आहरण एवं वितरण अधिकारी सबमिट किये गए फार्म को वह एक महीने के अंदर पेंशन पेमेंट आर्डर जारी करने वाले अधिकारी को फारवर्ड करेगा। आहरण एवं वितरण अधिकारी से पेंशन प्रपत्र प्राप्त होने पर एक महीने के अंदर पेंशन पेमेंट आर्डर जारी करने वाले अधिकारी की ओर से पीपीओ जारी कर दिया जाएगा। पीपीओ जारी होने के बाद ग्रेच्युटी तथा राशिकरण का भुगतान सेवानिवृत्ति तिथि से अगले तीन कार्यदिवसों में तथा पेंशन प्रारंभ होने की तारीख को पेंशनर के बैंक खाते में पेंशन का भुगतान आनलाइन हो जाएगा। प्रथम भुगतान के लिए कोषागार में व्यक्तिगत उपस्थिति जरूरी नहीं होगी।