लखनऊ (सुमित कुमार श्रीवास्तव ,संवाददाता) : यूपी के दो बड़े आईएएस अफसरों अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद और विशेष सचिव प्रांजल यादव समेत पांच अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त जाँच शुरू हो गई है. इन अफसरों के खिलाफ स्वास्थ विभाग में तैनाती के दौरान अपने चहेती निजी कंपनियों को कार्य आवंटित करने के आरोप लगे थे उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद पर आर क्यूब ग्रुप आफ कंपनीज के प्रबंध निदेशक महेश चंद्र श्रीवास्तव ने विभिन्न कार्यों का भुगतान जानबूझकर लटकाने का गंभीर आरोप लगाया है
हालांकि शासन ने 6 सितंबर 2021 को महेश चंद्र श्रीवास्तव की फर्म आर क्यूब ग्रुप ऑफ़ कंपनीज के बैनर तले बनाई गयी कंपनियों को काली सूची में डाले जाने का आदेश जारी किया था इस आदेश की प्रति महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं के अलावा कई विभागों को भेजी गयी थी
बहराल तत्कालिक अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य पर लगाए गए आरोप कहा तक सही है ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा। .
बता दे कोरोना की दस्तक से ठीक पहले 18 मार्च 2020 को अमित मोहन प्रसाद को विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया था। हालांकि हालात तब बदले जब योगी 2.0 में डिप्टी सीएम बनाएं गए ब्रजेश पाठक को चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई। कुछ दिन तो सब सही रहा पर बाद में परिस्थितियां बदलती गयी ।
स्वास्थ्य विभाग में सबसे बड़े अफसर बनने से पहले वह 14 सितंबर 2017 से 17 फरवरी 2020 तक कृषि विभाग के प्रमुख सचिव रहे। इस दौरान विभाग के कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही से उनकी किसी प्रकार की विवाद की खबरें नहीं आईं। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में अमित मोहन का ठीक ठाक हिसाब-किताब रहा है । तात्कालिक स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह के साथ भी अमित मोहन का कोई विवाद नहीं रहा । हालांकि, जब से बृजेश पाठक के पास ये मंत्रालय आया है तब से अमित मोहन और स्वास्थ्य मंत्री के संबंध अच्छे नहीं रहे । अमित मोहन प्रसाद पेट्रोलियम मंत्रालय में चीफ विजिलेंस ऑफिसर भी रहे हैं।
महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. वेदव्रत सिंह के रिटायर होने के चलते विभाग में बड़े पैमाने पर तबादले हुए। ट्रांसफर लिस्ट में नियमों को दरकिनार करके नाम डाले गए। लिस्ट जारी करने में इस कदर लापरवाही हुई कि मृतक डॉक्टरों के नाम भी तबादले के सूची में रखे गए। मामला हाई लाइट हुआ तो डिप्टी सीएम ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से लौटते ही अपर मुख्य सचिव को जवाब तलब किया। इस बीच तबादलों पर भी ACS का कड़ा रुख कायम रहा। अमित मोहन प्रसाद ने लिस्ट जारी करने से पहले मंत्री के अनुमोदन लेने की बात भी कही थी




