लखनऊ ( DNM NEWS AGENCY): उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने निर्देश दिये कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में विभिन्न विभागों को आवंटित बजट को हर हाल में 20 मार्च, 2023 तक खर्च किया जाना सुनिश्चित करें। विभागों के सक्षम अधिकारी नियमित मॉनीटरिंग करें और आवंटित बजट का शत-प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित करायें। बजट को खर्च करने के साथ-साथ कार्यों में गुणवत्ता एवं पारदर्शिता का विशेष ध्यान रखा जाए।
वित्त मंत्री यहां योजना भवन में वित्तीय वर्ष 2022-23 में बजट प्रावधान एवं उसके सापेक्ष हुये व्यय के संबंध में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसी योजनायें जिनमें केन्द्रांश प्राप्त करना है, उसके लिए तत्परता के साथ प्रयास किये जाये।
खन्ना ने बताया कि व्यय में गति लाये जाने हेतु वित्त विभाग द्वारा दो शासनादेश जारी किये गये हैं, जिनमें निर्माण कार्यों में कार्यदायी संस्थाओं को शासनादेश दिनांक 07 जून, 2022 की व्यवस्था के अनुसार दो-दो माह की आवश्यकता के अनुसार धनराशि अवमुक्त किये जाने की व्यवस्था थी, जिसे शासनादेश दिनांक 04 नवम्बर, 2022 द्वारा संशोधित करते हुये 2 करोड़ से 10 करोड़ की लागत वाले निर्माण कार्यों में छः माह के अनुसार धनराशि दो किश्तों में तथा दस करोड़ से अधिक लागत वाले निर्माण कार्यों में 4 किश्तों में धनराशि अवमुक्त किये जाने की व्यवस्था की गयी है, जो कार्यदायी संस्था की 3 माह की आवश्यकता के अनुसार होगी।
इसके अतिरिक्त केन्द्र पुरोनिधानित योजनाओं में केन्द्रांश प्राप्त होने के पश्चात् राज्यांश अवमुक्त किये जाने की व्यवस्था थी, जिसे संशोधित कर केन्द्रांश प्राप्त होने की प्रत्याशा में राज्यांश की धनराशि अवमुक्त किये जाने की व्यवस्था शासनादेश दिनांक 08 नवम्बर, 2022 द्वारा की गयी है।



