लखनऊ ( राजू ,स्टेट हेड ) :प्रदेश के गन्ना किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तथा किसानों की संख्या एवं सुझावों के दृष्टिगत ई.आर.पी. की वेबसाइट enquiry.caneup.in पर ऑनलाइन घोषणा-पत्र भरने की तिथि को बढाकर 20 अक्टूबर 2022 कर दिया गया है। इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश के लगभग 15 प्रतिशत ऐसे गन्ना कृषक हैं. जो कतिपय तकनीकी कारणों जैसे इण्टरनेट की स्लो स्पीड, बिजी सर्वर आदि समस्याओं के कारण अभी भी घोषणा-पत्र भरने से वंचित रह गये हैं। इन कृषकों की सुविधा एवं विभाग के टोल फ्री नम्बर 1800-121-3203 पर गन्ना किसानों द्वारा लगातार किये जा रहे अनुरोध के दृष्टिगत गन्ना किसानों को घोषणा-पत्र भरने के की तिथि को बढ़ाने का निर्णय लिया गया। घोषणा पत्र भरने की अन्तिम तिथि को कृषक हित में बढ़ाकर 20 अक्टूबर, 2022 कर दिया गया है। इस निर्णय से गन्ना किसानों को काफी सहूलियत होगी। ज्ञातव्य है कि Smart Ganna Kishan (SGK) प्रोजेक्ट के अन्तर्गत पेराई सत्र 2022-23 हेतु गन्ना किसानों द्वारा अपने घोषणा-पत्र 56 ऑनलाइन सफलतापूर्वक भरे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के गन्ना किसानों को ऑनलाइन निःशुल्क घोषणा-पत्र भराने हेतु विभाग के विभिन्न कार्यालया यथा उप गन्ना आयुक्त, जिला गन्ना अधिकारी, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक, सचिव एवं चीनी मिल के गन्ना प्रबन्धन कार्यालयों पर 451 कृषक सहायता केन्द्रों (Farmer Help Desk ) की स्थापना की गयी है। इन सहायता केन्द्रों पर घोषणा-पत्र भरने के लिये विभागीय कार्मिकों द्वारा गन्ना कृषकों को सहायता प्रदान की जा रही है। गन्ना आयुक्त ने प्रदेश के गन्ना किसानों से अपील की है कि प्रत्येक दशा में इस अवसर का लाभ लेते हुए पेराई सत्र 2022-23 हेतु 20 अक्टूबर, 2022 तक अपना ऑनलाइन घोषणा-पत्र भर दें। इसके बाद घोषणा-पत्र भरने की तिथि को बढ़ाया जाना सम्भव नहीं होगा अन्तिम तिथि तक घोषणा-पत्र न भरने वाले गन्ना किसानों को सामान्य बढोत्तरी उपज बढोत्तरी अतिरिक्त सट्टा आदि की सुविधा नहीं मिलेगी तथा सट्टा भी स्वत: लॉक हो जाएगा।
गन्ना आयुक्त ने गन्ना पर्यवेक्षकों से भी अपेक्षा की है कि वे अपने सर्किल के अन्तर्गत गन्ना किसानों को घोषणा-पत्र भरने हेतु निःशुल्क सहायता प्रदान करें तथा यह भी सुनिश्चित करे कि उनके सर्किल के सभी गन्ना किसानों द्वारा घोषणा-पत्र भर दिया गया है, जिससे कोई भी गन्ना किसान सट्टा संचालन से वंचित न रह जाये