कानपुर देहात: परौंख गांव में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहुंचे और सबसे पहले पथरी माता मंदिर में पूजन किया। साथ में राष्ट्रपति की पत्नी सविता कोविन्द, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने आंबेडकर पार्क में बाबा साहब डा. भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा अनावरण किया। इसके बाद मिलन केंद्र में समूह की महिलाओं से बातचीत की। यहां से गांव का भ्रमण करते हुए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और किसान उत्पाद प्रदर्शनी में लाल भिंडी और गृह उत्पाद बुकनू को भी देखा। कार्यक्रम स्थल समेत पूरे गांव में कड़ी सुरक्षा रही।
 प्रधानमंत्री ने कहा, भारत में गांव में पैदा हुआ गरीब से गरीब व्यक्ति भी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के पद तक पहुंच सकता है। लेकिन, आज जब हम लोकतंत्र की इस ताकत की चर्चा कर रहे हैं तो इसके सामने खड़ी परिवारवाद जैसी चुनौतियों से सावधान रहने की जरूरत है। ये परिवारवाद ही है, जो राजनीति ही नहीं बल्कि हर क्षेत्र में प्रतिभाओं का गला घोटता है और उन्हें आगे बढ़ने से रोकता है। प्रधनमंत्री ने कहा, मैं जब परिवारवाद के  खिलाफ बात करता हूं तो कुछ लोगों को लगता है कि राजनीतिक बयान है, मैं किसी राजनीतिक दल के खिलाफ बात कर रहा हूं ऐसा प्रचार होता है। मैं देख रहा हूं कि जो लोग परिवारवाद की मेरी व्याख्या में सही बैठते हैं वो मुझसे भड़के हुए हैं, गुस्से में हैं। देश के कोने कोने में ये परिवारदवादी मेरे खिलाफ अब एकजुट हो रहे हैं। वो इस बात से भी नाराज हैं कि क्यों देश का युवा परिवारवाद के खिलाफ मोदी की बातों को इतनी गंभीरता से ले रहा है। मैं इन लोगों को कहना चाहता हूं कि मेरी बात का गलत अर्थ न निकालें, मेरी किसी राजनीतिक दल से या व्यक्ति से कोई व्यक्तिगत नाराजगी नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा, मैं तो चाहता हूं कि मजबूत विपक्ष हो, परिवारवाद के शिकंजे में फंसी पाटियां खुद को इससे मुक्त करें और इसका इलाज करें। तभी भारत का लोकतंत्र मजबूत हेागा। देश के युवाओं को राजनीति में आने का ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलेगा। खैर, परिवारवाद पार्टियों से मैं कुछ ज्यादा ही उम्मीद कर रहा हूं। 



