उत्तर-प्रदेश के मऊ जिले में कोंग्रेस पार्टी द्वारा बढ़ी पेट्रोल,डीजल कि महंगाई और किसानों के मुद्दों को लेकर आज जुलुश निकालकर कलेक्ट्रट परिसर में प्रदर्शन करने जा रही थी । लेकिन परमिशन नही होने के कारण पुलिस द्वारा उनको रास्ते मे ही रोक लिया गया और रास्ते मे ही सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा ज्ञापन लेकर उन्हें वापस भेज दिया गया । जिसके बाद जिलाध्यक्ष शाह आलम उनके कार्यकर्ताओ में बहस हो गई जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी दो गुटों में बट गई और जमकर हंगामा किया साथ ही जिलाध्यक्ष पर आरोप लगा दिया कि जिलाध्यक्ष प्रसाशन के दबाव में वापस लौट आये ।
– इस पूरे मामले में कोंग्रेस कार्यकर्ता ने बताया कि हम किसानों कि लड़ाई सड़क पर लड़ रहे है और कोंग्रेस लड़ रही है और कोंग्रेस लड़ेगी । आज हमारी नाराजगी अपने जिलाध्यक्ष से है हम सभी कांग्रेसियों को कलेक्ट्रेट में जाकर ज्ञापन देना था । प्रशासन के दबाव में और प्रशासन से हम लड़ने को तैयार है अगर गोली चलाएगी तो हम कांग्रसी गोली भी खाएंगे । साथ ही जिलाध्यक्ष पर नाराज होते हुए कहा कि इस बात को लेकर अपने पार्टी के लोंगो से बात कर रहा हूं । जिन लोंगो ने निर्णय लिया वह गलत निर्णय था उस पर हमारी सहमति नही है । इस बात को मीडिया में हमे नही देना है जिसने निर्णय लिया है , हम सभी कांग्रेसियों को कलेक्ट्रेट में जाकर ज्ञापन देना था । जिनके निर्णय से कांग्रेस रुकी है इस बात को पार्टी के मंच पर रखूंगा यह सरासर गलत है ।
वही ज्ञापन लेने पहुचे सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि कांग्रेस कमेटी मऊ के जिलाध्यक्ष सदस्यों द्वारा ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति महोदय के संबोधित किया गया है । जिसको महामहिम राष्ट्रपति महोदय के कार्यालय में पहुचाया जाएगा । इनको ज्ञापन कि अनुमति थी ज्ञापन ले लिया गया । जुलूस कि इन लोंगो को परमिशन नही थी केवल ज्ञापन का था तो ज्ञापन ले लिया गया है ।