अभी तक हैकर्स लोगों के पर्सनल डेटा या उनके बैंक अकाउंट में सेंध लगा रहे थे, लेकिन अब हैकर्स कोरोना वायरस के टीके, इलाज और उससे जुड़ी जानकारियां भी चोरी करने की कोशिश कर रहे हैं। दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी ने दावा किया है कि नॉर्थ कोरिया के हैकर्स ने कोरोना वायरस टीका एवं इलाज से जुड़ी जानकारी चोरी करने की कोशिश की है। दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी ने मंगलवार को सांसदों को बताया कि दक्षिण कोरिया के दवा निर्माताओं के कंप्यूटर सिस्टम को उत्तर कोरिया के हैकर्स ने हैक करने का प्रयास किया है। हालांकि, एजेंसी ने एक सांसद के एक दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि टीका निर्माता फाइजर इंक (Pfizer Inc) निशाने पर था।
1.58 मिलियन मामले सामने आए दक्षिण कोरियाई संसद की खुफिया मामलों की समिति के सदस्य हा तए-कियुंग मुख्य विपक्षी पार्टी पीपुल्स पार्टी के सत्र के बाद संवाददाताओं से कहा कि एक बंद दरवाजे के संसदीय सत्र में, राष्ट्रीय खुफिया सेवा (एनआईएस) ने रिपोर्ट किया कि दक्षिण कोरिया में साइबर अटैक की औसत दैनिक संख्या में सालाना आधार पर 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और लगभग 1.58 मिलियन मामले सामने आए हैं, जिनमें से अधिकांश असफल हैं।
यह दावा किया था हा तेई कियुंग ने संवाददाताओं से कहा था कि राष्ट्रीया खुफिया सेवा (एनआईएस) ने उन्हें एवं अन्य सांसदों को बंद कमरे में दी गई ब्रीफिंग में बताया है कि उत्तर कोरिया ने कोविड-19 टीके की प्रौद्योगिकी को प्राप्त करने के लिए फाइजर को हैक किया था। हालांकि इस दावे के बाद एनआईएस ने कहा कि उसने जब सांसदों को उत्तर कोरिया द्वारा हैकिंग का विवरण दिया तो उस दौरान किसी फार्मास्युटिकल कंपनी का नाम नहीं लिया गया। एनआईएस ने हा के दावे को गलत बताया।
अपने दावे पर कायम हा इस मामले में खुफिया मामलों की समिति के सदस्य हा अपने दावे पर कायम हैं। उन्होेंने कहा कि उनको दिखाए गए एनआईएस के दस्तावेज के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने फाइजर से चोरी (टीका प्रौद्योगिकी) की और दक्षिण कोरियाई टीका एवं फार्मास्युटिकल कंपनी से प्रौद्यागिकी चोरी करने की कोशिश की। साथ ही उन्होंने कहा कि फाइजर शब्द इतना स्पष्ट था कि ब्रीफिंग के दौरान मैंने उनसे मौखिक रूप से भी इस बारे में नहीं पूछा।