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आजादी के बाद भारत में पहली बार एक महिला शबनम को दी जाएगी फांसी

 

लखनऊ. भारत की पहली महिला को शीघ्र ही फांसी दी जाएगी। यूपी के अमरोहा के हसनपुर क्षेत्र के गांव बावनखेड़ी शबनम की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शबनम की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी। अब राष्ट्रपति के निर्णय के बाद शबनम का फांसी पर लटकना तय हो गया है। इस वक्त मथुरा जेल के महिला फांसीघर में शबनम को फांसी देने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। बताया जा रहा है कि निर्भया कांड के चार दोषियों को फांसी पर लटकाने वाला मेरठ का पवन जल्लाद शबनम को फांसी देने के लिए तैयार बैठा है। अब सवाल कौंध रहा है कि यह शबनम कौन है।

 

मामला बेहद हैरतअंगेज है :- मामला बेहद हैरतअंगेज है। यूपी के अमरोहा के हसनपुर क्षेत्र के गांव बावनखेड़ी की रहने वाली शबनम प्रेम में बावली हो गई थी। अपने प्रेमी संग मिलकर उसने ऐसा काम किया कि जिसने सुना वह भौचक्का रह गया। यूपी ही नहीं पूरा देश इस कांड को सुनकर हिल गया। 14 अप्रैल, 2008 की रात को शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने पूरे परिवार को मार डाला। पहले उसने नींद की गोली दी, जिससे सभी नशे की हालात में सो गए फिर रात में पिता शौकत, मां हाशमी, भाई अनीस, राशिद, भाभी अंजुम, फुफेरी बहन राबिया व दस माह के भतीजे अर्श का गला काट कर मार डाला। शबनम के पिता शिक्षक थे। वारदात के चौथे दिन पुलिस ने शबनम व सलीम को हिरासत में ले लिया। कड़ी पूछताछ में दोनों ने सच्चाई कबूल कर ली।

 

बस इस रोड़े ने हत्या की कहानी को जन्म दिया :- शबनम पढ़ाई में अच्छी थी। शबनम एमए के बाद शिक्षामित्र बन गई। इसी बीच शबनम का गांव के आठवीं पास युवक सलीम से इश्क हो गया। दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन शबनम सैफी तो सलीम पठान बिरादरी से था। परिवार को यह बेमेल इश्क मंजूर नहीं था। बस इस रोड़े ने इस हत्या की कहानी को जन्म दिया।

मथुरा जेल का महिला फांसीघर :- गौरतलब है कि मथुरा जेल में 150 साल पहले महिला फांसीघर बनाया गया था। आजादी के बाद से अब तक किसी भी महिला को फांसी की सजा नहीं दी गई। वरिष्ठ जेल अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने बताया कि अभी फांसी की तारीख तय नहीं है, लेकिन हमने तैयारियां शुरू कर दी है। डेथ वारंट जारी होते ही शबनम को फांसी दे दी जाएगी।

पवन जल्लाद तैयार :- मेरठ का पवन जल्लाद शबनम को फांसी देने की तैयारी में जुटा है। पवन जल्लाद ने बताया कि छह माह पहले मथुरा जेल गया था। फांसीघर बेहद जीर्ण-शीर्ण हालत में था। जिस तख्ते पर दोषी को खड़ा किया जाता है, वह टूटा हुआ था। उसे बदलवा गया है। लीवर को ऑयल लगाकर नरम किया गया है। मथुरा जेल का फांसीघर पूरी तरह तैयार हो चुका है। वह भी शबनम को फांसी देने के लिए तैयार है। मेरठ जेल के अधीक्षक डॉ. बीडी पांडेय ने कहा कि मथुरा जेल से जैसे ही पवन जल्लाद का बुलावा आएगा, उसे भेज दिया जाएगा।