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आगरा के सरकारी डॉक्टरों की घोर लापरवाही एस एन इमरजेंसी में मरीज की कटी उंगली की जगह अंगूठे को सिल दिया। हालत गम्भीर

आगरा कहते है डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होता है लेकिन अगर उसी भगवान रूपी डॉक्टर की घोर लापरवाही के कारण अगर किसी की जान पर बन जाये तो क्या कहे। इसका जिम्मेदार कौन होगा।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चिकित्सा सेवाओ को दुरस्त करने व लापरवाह डॉक्टरों को सख्त आदेशो के बाबजूद आगरा के एस एन इमरजेंसी के डॉक्टर बाज नही आ रहे। इसका ताजा उदाहरण सोमबार को देखने को मिला जहा आगरा के खंदौली ब्लॉक के पोइया स्थित अचलु का वास निबासी राजकुमार पुत्र होरी लाल शर्मा जोकि बेलनगंज के एक लकड़ी के कारखाने में लकड़ी का काम करता है विगत रविवार को रोजाना की भांति राजकुमार आरा मशीन पर लकड़ी काट रहा था कि अचानक नींद का झोंका आने के कारण उसका सीधा हाथ मशीन के ब्लेड से लग गया जिससे उसके हाथ का अंगूठा व एक उंगली अलग कट कर गिर पड़ी हादसे की जानकारी होने पर घायल राजकुमार को कारखाने का मालिक तत्काल आगरा के एस एन इमरजेंसी हॉस्पिटल ले गया जहां डॉक्टरों ने उंगली को फेक उसकी जगह अंगुठे को सिल कर पट्टी बांध घर भेज दिया। घर आने पर घायल राजकुमार को तेज दर्द के साथ सूजन से काफी परेशानी होने लगी सुबह उसकी हालत देख परिजनों ने यमुनापार के प्राइवेट हॉस्पिटल में दिखाया जहाँ डॉक्टरों ने जैसे ही पट्टी को खोल कर देखा तो हैरान रह गए। क्योंकि उंगली की जगह अंगूठे को एस एन हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने जोड़ दिया जिससे मरीज की हालत गम्भीर हो गई निजी डॉक्टर ने बताया कि उपचार में लापरवाही की गई हर उंगली की जगह अंगूठे को ऊपर से ही खाल के साथ सिल दिया है अंदर की खून की नशे कटने से खून काफी बह चुका है व 24 घण्टे का समय होने के कारण अंगूठे को सही जगह जोड़ना मुश्किल है अगर सही समय पर खून की कटी नशों के साथ अंगूठे को जोड़ा जाता तो हाथ के सही होने की संभावना थी अब काफी देर हो चुकी है।
हालत गम्भीर होने पर डॉक्टर ने प्लास्टिक सर्जन से ऑपरेशन करने की सलाह दी है।
सबाल ये है कि जहां मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में प्रसक्षु डॉक्टर जहां मरीजो के इलाज करने की ट्रेनिंग लेते है व लोगो की जान बचाने व कटे अंगों को जोड़ कर उनको नए जीबन देने के साथ साथ डॉक्टरी सीखते है तो वही इस हादसे की तस्वीरों ने डॉक्टरों के इस कारनामे पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है क्या मरीज ऐसे हॉस्पिटल में इलाज कराने जाएंगे क्या भरोसा कर सकते है कि ऑपरेशन के दौरान मरीज टेवल से जिंदा बापिस आएगा।
खेर जो भी डॉक्टरों ने किया लेकिन इन डॉक्टरों की लापरवाही के कारण एक मजदूर का सीधा हाथ काटने की नौबत आ चुकी है तो वही अपने परिवार के भरण पोषण की भी समस्या खड़ी हो चुकी है आखिर इस लापरवाही की जिम्मेदारी कौन लेगा। जिससे एक मजदूर को इलाज की जगह जिंदगीभर के लिए अपाहिज बना दिया जिम्मेदार कोन?