फिरोजाबाद। वेलेंटाइन-डे के आते ही प्यार करने वाले युगलों की यादें ताजा हो गईं। सुहागनगरी में कई ऐसे जोड़े हैं, जिन्होंने वेलेंटाइन-डे को पर प्यार का इजहार किया। आज वह वैवाहिक जीवन में बंधकर एक हो गए हैं। कई सालों पूर्व बनाया प्रेम का बंधन आज भी एक मिसाल है।
2009 में मनाया पहला वेलेंटाइन
फिरोजाबाद। आर्यनगर निवासी सचिन यादव ने पहला वेलेंटाइन-डे वर्ष 2009 में शिवाली के साथ मनाया। उस समय शिवाली कक्षा 12वीं की छात्रा थी। प्रेम के बंधन में बंधे इस युगल को करियर बनाने की चाहत थी। सचिन ने करियर बनाने के लिए एमबीए करने चले गए। वहीं शिवाली भी सीए की पढ़ाई के लिए दिल्ली चलीं गईं। छह साल तक करियर बनाने के लिए शिवाली एवं सचिन पढ़ाई पूरी करते रहे। वर्ष 2015 में सचिन व शिवाली ने शादी कर ली।
दिव्यांग होते हुए कदम से कदम मिला रहे
फिरोजाबाद। महावीर नगर निवासी मनोज कुमार नागर दिव्यांग हैं। मनोज के परिषीय स्कूल में शिक्षक बनने के बाद कई रिश्ते आए। मनोज ने बताया कि उन्होंने ठान लिया था कि शादी दिव्यांग से ही करेंगे। उन्होंने कमलेश को अपना वेलेंटाइन चुना। मनोज ने बताया कि जिस समय कमलेश की शादी हुई थी। वो आठवीं कक्षा में पढ़ती थीं। मगर शिक्षा में बराबरी तक पहुंचाने के लिए स्वयं पढ़ाकर हाईस्कूल कराया। इस साल डीएलएड फाइनल है।
प्यार ने शुभम को बना दिया सीए
फिरोजाबाद। पत्थरवाली गली निवासी शुभम लवानिया को उनके प्यार ने सीए बना दिया। शुभम की मुलाकात 2014 में चौकीगेट निवासी देव्यानी शर्मा से एक विवाह समारोह के दौरान हुई। फेसबुक से बातचीत हुई। उस समय शिवम सीए की तैयारी कर रहे थे और सीए में असफलता मिली थी। शुभम ने बताया कि उनके सामने शर्त रखी गई कि सीए बन गए तो शादी कराई जाएगी। शुभम ने कोचिंग पढ़ाकर धन एकत्रित किया और स्वयं भी सीए की तैयारी में जुट गए। वर्ष 2018 में शुभम ने सीए की पढ़ाई पूरी कर ली। अगस्त 2020 में शिवम और देव्यानी ने विवाह कर लिया।
वेलेंटाइन-डे को सजा बाजार, रेस्तरां भी हुए तैयार
फिरोजाबाद। शनिवार को गिफ्ट गैलरियों पर खरीदारी की गई। गिफ्ट की दुकानें आकर्षक तरीके से सजाई गईं। गुलाब के फूल भी दुकानों पर सजे दिखे। दुकानदार आशीष शर्मा ने बताया कि रोज-डे पर गुलाब तो खरीदते हैं। उसके साथ उपहार भी खरीदकर लोग ले जाते हैं। रेस्टारेंट में सजावट की गई है।