फिरोजाबाद। सुहागनगरी के कंडम वाहन अब जिले की सीमा से लगे एटा, इटावा और मैनपुरी की सड़कों पर फर्राटे भरेंगे। 15 साल की मियाद पूरी कर चुके वाहन जिले में न चल पाने के कारण वाहन स्वामियों द्वारा एनओसी लेकर दूसरे जिलों में ट्रांसफर करा रहे हैं। विभागीय आंकड़ों की मानें तो एक वर्ष में 2524 वाहनों की एनओसी ली जा चुकी है। जबकि संभागीय परिवहन विभाग द्वारा 375 वाहन कंडम घोषित किए जा चुके हैं।
बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए शासन ने सुहागनगरी को टीटीजेड से हटाकर एनजीटी में शामिल कर दिया था। जिले को एनजीटी में शामिल होने के साथ ही प्रशासन ने कोयले की भट्टियों पर रोक लगा दी थी। उधर जिले में संचालित 15 साल पुराने वाहनों के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी गई। नई गाइडलाइन जारी होने के साथ ही वाहन स्वामियों की परेशानियां बढ़ गई। जब तक फिरोजाबाद टीटीजेड में था, तब तक वाहन मालिकों ने अपने वाहनों को मक्खनपुर, शिकोहाबाद के साथ सिरसागंज क्षेत्र ट्रांसफर करा लिया था।
वहीं एनजीटी में शामिल होने के बाद इन वाहनों के संचालन पर संभागीय परिवहन विभाग द्वारा पूरी तरह से रोक लगा दी गई। इसको लेकर एक साल में 2524 वाहन दूसरे जिलों में ट्रांसफर हो गए। विभागीय अधिकारियों ने 375 वाहनों को कंडम घोषित कर दिया। अब जिले में संचालित होने वाले वाहनों के लिए दस साल के लिए पंजीकरण किया जा रहा है। जबकि पेट्रोल से संचालित वाहनों के लिए 15 साल की अनुमति है।
डीजल के दस साल और पेट्रोल के 15 साल पुराने वाहनों को जिले से बाहर किया जा रहा है। जिससे सुहागनगरी में बढ़ते प्रदूषण को कम किया जा सके।
हरिओम, आरआई, संभागीय परिवहन विभाग।