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मऊ उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की आहट और तारीखों की घोषणा होते ही ग्राम पंचायतों में विकास के नाम पर ग्राम पंचायतो के खाते में 14 वें वित्त आयोग के बचे हुए रुपयों को निकालने के लिए प्रधान और सचिव मिली भगत कर लाखो रुपये निकाल लिए । प्रदेश के मऊ जिले में सरकरीं धन के दुरुपयोग और बंदरबाट का मामले प्रकाश में आते ही जिला प्रशासन चौककन्ना हो मामले में सचिव को सस्पेंड करते हुए एफआईआर दर्ज कराने का करा दिया जिससे ग्राम पंचायतों के सचिवो में हड़कम्प मच ग

पूरा मामला प्रदेश के मऊ जनपद से है जहां ग्राम प्रधान और सचिव मिली भगत कर लाखो रुपये विकास कार्य के नाम पर निकाल लिया है । जिले के कोपगंज ब्लाक के मीरपुर रहीमाबाद गांव का ग्राम प्रधान और सचिव की मिली भगत से 17 लाख 60 हजार रुपए विकास के नाम पर निकाल लिए । मामले का खुलासा उस समय हुआ जब ग्राम पंचायत चुनाब से एक दिन पहले 24 दिसंबर को ग्राम प्रधान और सचिव ने मिलकर कर साढ़े छह लाख रुपये निकाल लिया।

गांव वालों की जानकारी के अनुसार गांव में 27 नवम्बर को ग्राम प्रधान और सचिव ने ग्राम पंचायत में विकास कार्य के आधार पर 17 लाख 60 हजात रुपये निकाल लिया । 28 नवम्बर को सचिव को स्थानांतरित कर दिया 29 नवम्बर को निलंबित कर दिया । सचिव पर ग्राम प्रधान के साथ मिली भगत कर 14 वें वित्त आयोग के 17 लाख 60 हजार रुपये निकालने का आरोप लगा । हालाकि इसी प्रकरण में ग्राम पंचायत में दूसरे सचिव की नियोक्त होती है और दूसरे सचिव ने भी पंचायत चुनाव की घोषणा से एक दिन पहले साढ़े छह लाख रुपये निकाल लिए । सचिवो के भ्रष्टाचार करने की इस करतूत का पर्दाफाश करते हुए जिले मोहम्दाबाद गोहना से बीजेपी विधायक श्रीराम सोनकर ने गांव वालों की शिकायत पर जिलाधिकारी को पत्रक देकर मामले में जांच की बात कही । जिस पर जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल ने मुख्य विकास अधिकारी रामसिंह को 2 दिन में मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कही ।

गांव वालों का आरोप है कि एक ही मामले एक सचिव को निलंबित किया जाता है और दूसरे सचिव पर कोई कार्रवाई नही ऐसा क्यू है यह जिला प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाई पर सवालिया निशान खड़े करता है ।

मामले की जांच कर रहे मुख्य विकास अधिकारी रामसिंह ने कहा कि उक्क्त मामले में बताया कि 25 तारीख को प्रधानी का कार्यकाल समाप्त हो गया। जिसमें कोपागंज ब्लॉक के मीरपुर रहीमाबाद गांव में सचिव ने 17 लाख 60 हजार रुपये राज्य वित्त आयोग और 14 वे वित्त आयोग से निकाल लिए। सचिव पर मुकदमा लिखवा कर जांच कराया जा रहा है। इसी ही तरह का एक और मामला प्रकाश में आए जहाँ ग्राम प्रधान और सचिव ने साढ़े तीन लाख रुपये निकाल लिए है । मामले में जांच की जा रही है । इन सभी मामले को देखते हुए की जांच कमेटी का गठन किया गया है । रिपोर्ट आने के बाद करवाई किं जाएगी।