लखनऊ, 2 जनवरी 2021 :
साल दर साल कीर्तिमान बनाना योगी आदित्यनाथ का शगल है। आज से नहीं करीब ढाई दशक से। सांसद के रूप में शुरू ये सिलसिला मुख्यमंत्री बनने के बाद भी जारी है।
न्यूज चैनल आजतक और एबीपी की ओर से किए गए सर्वे ने फिर इस बात पर मुहर लगा दी कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी का कोई जवाब नहीं। 2020 में देश के सबसे तेज मुख्यमंत्रयों के लिए हुए सर्वे में योगी नंबर वन बनकर उभरे। सर्वे में वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, बंगाल की ममता बनर्जी, राजस्थान के अशोक गहलोत और मध्यप्रदेश के शिवराज सिंह चौहान पर भारी पड़े। सर्वे में नम्बर दो पर रहे उद्धव ठाकरे और योगी को मिले वोटों में भी खासा फर्क रहा।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ। कुछ माह पहले फेम इंडिया की रिपोर्ट में सबसे प्रभावशाली भारतीयों की सूची में योगीजी सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री चुने गये हैं। अपनी ईमानदार छवि, कठोर निर्णय लेने की क्षमता तथा बुलंद इरादे की वजह से वह देश के सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पीछे छोड़ते हुए नंबर वन बने थे। समग्रता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही
नंबर वन हैं। मसलन लोकप्रियता में मोदीजी के बाद योगीजी ही हैं। इस सूची में देश के
कुल आठ मुख्यमंत्री शामिल हैं। टॉप 10 में छठे नंबर पर केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन
और दसवें नंबर पर उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक रहे। झारखंड के हेमंत सोरेन बारहवें, दिल्ली के अरविंद केजरीवाल 13हवें, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 17हवें,
गोवा के प्रमोद सावंत 30वें और पंजाब के अमरिंदर सिंह 31सवें नंबर पर रहे।
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पहली बार में ही हासिल किया मुकाम
खास बात यह है कि योगीजी पहली बार मुख्यमंत्री बने हैं। ये उपलब्धियां अपने पहले ही कार्यकाल में मिलना खुद में खास है। जबकि नीतीश कुमार, नवीन पटनायक, हेमंत सोरेन और अमरिंदर सिंह कई बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
नम्बर एक रहना योगी की फितरत
दरअसल नंबर एक रहना उनकी फितरत में शामिल है। उनकी अब तक की बैकग्राउंड देखेंगे तो आपको यकीन हो जाएगा कि यह तो होना ही था। उनके नाम के तमाम रिकॉडर्स इसके सबूत हैं।
मसलन 30 अक्टूबर 2019 को इंडिया टूडे ने अपने अंक में उत्तर भारत के जिन दिग्गजों की सूची प्रकाशित की थी उसमें राजनेताओं की श्रेणी में वो नंबर एक थे। करीब ढाई दशक पहले जब वह उत्तर भारत की प्रमुख पीठों में शुमार गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी बने तभी इंडिया टूडे ने उनको देश के सबसे रसूखदार लोगों में शामिल किया। इसके बाद से तो उनके नाम रिकार्ड जुड़ते गये।
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योगीजी के नाम कुछ और रिकार्ड
-1998 में जब वह पहली बार सांसद चुने गये तब वह सबसे कम उम्र के सांसद थे। – 42 की उम्र में एक ही क्षेत्र से लगातार 5 बार सांसद बनने का रिकॉर्ड।
– मुख्यमंत्री बनने के पहले सिर्फ 42 वर्ष की आयु में एक ही सीट (गोरखपुर) से लगातार पांच बार चुने जाने वाले देश के इकलौते सांसद।
– मुख्यमंत्री बनने के बाद से कई क्षेत्रों में रिकॉर्ड बना है।
यकीनन फेम इंडिया, आजतक और एबीपी के सर्वे के इन रिकॉर्डों के बाद भी ये सिलसिला जारी रहेगा। क्योंकि इसके लिए वह लगातार और अथक परिश्रम करते हैं। एक बार वह जो ठान लेते हैं उस पूरा करने के लिए वह जी जान लगा देते हैं।
– मुख्यमंत्री बनने के बाद भी अपने दूरगामी एवं कड़े फैसलों, उनके अमल पर लगातार निगरानी के जरिए उन्होंने आने वाले उत्तरप्रदेश की बदलती तस्वीर के बारे में संकेत दे
दिया था।
– कोरोना के अभूतपूर्व संकट के दौरान लिए गये असाधारण फैसलों ने इस पर मुहर लगा दी। पहले दिन से बिना थके उन्होंने सूबे के टॉप ब्यूरोक्रेट्स (टीम-11) के जरिए उन्होंने इस वैश्विक महामारी के संक्रमण को रोकने, जांच और इलाज का जो तंत्र विकसित किया उसे विश्व स्वस्थ संगठन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीति आयोग ने सराहा।
– इस दौरान चल रही जीवन और जिजीविषा की जंग में उन्होंने जरूरत के अनुसार दोनों
पर फोकस किया। नतीजतन हर क्षेत्र में रिकॉर्ड बनते गये। आजतक का हालिया सर्वे इसका सबूत है।
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साल 2020 में योगी द्वारा लिए गये कुछ बड़े फैसले
– कोरोना की चुनौतियों को पूर्वानुमान लगाते हुए टीम-11 का गठन।
– 45 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों की सम्मान और सुरक्षित घर वापसी के साथ सबको राशन और भरणपोषण भत्ता, स्किल मैपिंग कराकर उसी अनुसार स्थानीय स्तर पर रोजगार की व्यवस्था के अलावा निवेश, बुनियादी संरचना के विकास,शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि पर भी बराबर का फोकस रहा।