देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने लव जिहाद पर किसी से जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराना या डरा कर धमका कर धर्म परिवर्तन कराने को नाजायज बताया है और कहा है कि बरेली हजरत आला दरगाह से जो फतवा आया है वह फतवा बिल्कुल सही है क्योंकि इस्लाम के अंदर किसी को भी डरा कर धमकाकर या जोर जबस्ती से धर्म परिवर्तन कराना नाजायज है और हम बरेली से आए फतवे का समर्थन करते हैं
देखिए जैसा मुझे मालूम चला है और मेरी जानकारी में है मैंने देखा है कुछ लोगों ने मेरे पास में भेजा है तो जो बरेली से फतवा जारी हुआ है आला हजरत दरगाह के अंदर एक दारुल इफ्ता है वहां से वह फतवा जारी हुआ है उसके अंदर यही कहा गया है कि किसी को लालच देकर या जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराना इस्लाम के अंदर जायज नहीं है और मैं भी इस चीज के खिलाफ हूं इस्लाम के अंदर यह सब चीजें नाजायज है किसी को लालच देकर या जबरदस्ती किसी से धर्म परिवर्तन कराया जाए इस्लाम में इस चीज की गुंजाइश नहीं है अगर आदमी अपनी मर्जी से किसी धर्म के अंदर जाना चाहता है उस पर कोई जोर जबरदस्ती नहीं है उस पर कोई लालच नहीं है तो जा सकता है उसमें इस चीज की गुंजाइश है मैं उनके फतवे का समर्थन करता हूं क्योंकि इस्लाम और शरियत की रोशनी में उनका फतवा है इसलिए मैं उस फतवे का समर्थन करता हूं