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लखनऊ :राज्य के ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह का कहना है वर्ष 2022 तक सबको घर का सपना साकार

(ब्यूरो) उत्तर प्रदेश

लखनऊ वर्ष 2022 तक सबको घर का सपना साकार करने के लिए राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में ही अभी 54 लाख 95 हजार और आवास बनाने होंगे। इस लक्ष्य को पाने के लिए राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना ;ग्रामीणद्ध के तहत केंद्र सरकार से चालू वित्तीय वर्ष के लिए और 10 लाख आवास मांगे हैं। ये आवास उन 44 जिलों के लिए मांगे गए हैं जो केंद्र सरकार की गरीब कल्याण योजना से बाहर हैं।

खासकर आप को बताते चले कि केंद्र सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में आत्मनिर्भर भारत की गरीब कल्याण योजना में शामिल राज्य के 31 जिलों के लिए 5 52 लाख आवास स्वीकृत किए हैं। लाभार्थियों का चयन करने के साथ ही आवास निर्माण के लिए उनके खातों में धनराशि ट्रांसफर करने की प्रक्रिया ग्राम्य विकास विभाग ने शुरू की है।

राज्य के ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर हाल में 2022 तक सभी गरीबों को घर देने की योजना पर काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री निर्देश पर 5ण्52 लाख जो नए आवास स्वीकृत हुए हैं उन्हें बनवाने की प्रक्रिया तेज की गई है। इसमें से 1ण्19 लाख आवास के लाभार्थियों का खाता खुलवा कर धनराशि उनके खातों में ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। शेष लाभार्थियों को भी आवास बनाने की धनराशि जल्द दी जाएगी। वित्तीय वर्ष के अंत तक सभी स्वीकृत आवास बना दिए जाएंगे।
अपात्रों को चिन्हित करने की अनुमति भी केंद्र से मांगीउन्होंने बताया कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से गरीब कल्याण योजना से वंचित राज्य के 44 जिलों के लिए इस साल के लिए 10 लाख पीएम आवास ग्रामीण की मांग की गई है। ग्रामीणक्षेत्रों में आवास निर्माण में सभी जिलों को बराबरी पर लाने की योजना है। जिन जिलों में पूर्व के वर्षों में कम आवास बने हैंए वहां अधिक आवास दिए जाएंगे। मंत्री मोती सिंह के मुताबिक राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 54.95 लाख लोगों ने आवास की पात्रता का दावा किया है। इनमें कुछ अपात्र भी हो सकते हैं। अपात्रों को चिन्हित करने की अनुमति भी केंद्र सरकार से मांगी गई है। अपात्रों की छंटनी के बाद जितने भी लोग बचेंगे सबको 2022 तक आवास देने का लक्ष्य है इस ब़ड़े लक्ष्य को पाने के लिए हर वर्ष 15 लाख से अधिक आवास का निर्माण ग्रामीण क्षेत्रों में किए जाने का लक्ष्य रखा गया है