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भ्रष्टाचार पर जीरो टाॅलरेन्स का बार-बार दावा करने वाली योगी सरकार हुई फिर पीपीई किट घोटाले में बेनकाब – अजय कुमार लल्लू

लखनऊ : वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए प्रदेश की योगी सरकार द्वारा खरीदे गये पीपीई किट में किये गये करोड़ों रूपये के घोटाले के आरोपित अधिकारियों की एसआईटी जांच रिपोर्ट बिना सार्वजनिक किए ही की गयी तैनाती से भ्रष्टाचार पर जीरो टाॅलरेन्स का दावा करने वाली योगी सरकार की कलई एक बार फिर प्रदेश की जनता के सामने खुलकर आ गई है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि भ्रष्टाचार पर बार-बार जीरो टाॅलरेन्स का झूठा दावा करने वाली योगी सरकार ने वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए जो पीपीई किट बाहर से मंगायी थी उसमें व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार के मामले उजागर हुए। कांग्रेस पार्टी ने जब इस पर सदन से सड़क तक जोर-शोर से आवाज उठाया और विधानसभा में सवाल उठाया तो दबाव में आयी योगी सरकार ने उस समय भ्रष्टाचार पर जीरो टाॅलरेन्स की नीति का हवाला देते हुए सदन को यह भरोसा दिया था कि घोटाले के आरोपी दस जिलाधिकारियों को उनके पदों से हटा रही है और इस मामले की एसआईटी जांच कराये जाने का भरोसा भी दिया था और कहा था कि दस दिन में इसकी जांच रिपोर्ट भी आ जाएगी। लेकिन अब जो तथ्य सामने आ रहे हैं उसके अनुसार घोटाले के सभी आरोपितों को एक-एक करके चोरी छिपे नये सिरे से तैनाती की जा चुकी है। जबकि अभी तक सरकार ने एसआईटी जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया है। बगैर एसआईटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किए और कार्यवाही की घोषणा किए बिना ही आरोपित अधिकारियों की नये सिरे से तैनाती इस बात का सबूत है कि सरकार का भ्रष्टाचार के आरोपियों को पूरा संरक्षण प्राप्त है और सरकार इस भ्रष्टाचार में पूरी तरीके से संलिप्त है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने में जो धन प्रदेश सरकार द्वारा खर्च किया जा रहा है वह प्रदेश की गरीब जनता की गाढ़ी कमाई का हिस्सा है और महामारी के दौर में इस प्रकार के घाटाले इस बात के संकेत हैं कि सरकार का पूरा अमला भ्रष्टाचार में आकण्ठ डूबा है और आपदा में भी अवसर तलाशता रहता है। कांग्रेस पार्टी प्रदेश की जनता की इस गाढ़ी कमाई को इस प्रकार लूटे जाने का घोर विरोध करती है और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी निर्णायक लड़ाई जारी रखेगी।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वैश्विक महामारी में जहां पूरे विश्व में हाहाकार मचा हुआ है। उ0प्र0 की योगी सरकार मरीजों को न तो समुचित रूप से स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा पा रही है और न ही कोरोना से निपटने के लिए कोई कारगर कदम उठा रही है। सरकार और अधिकारी इस महामारी के मुश्किल दौर में भी घोटाला करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए, महामारी से निपटने के लिए झूठे तथ्य पेश कर रही है। कोरोना के आंकड़े सामने न आने पाये इसलिए जाॅंचों को सीमित करती जा रही है। पूर्व में सरकार के अधिकारियों का वह पत्र भी सार्वजनिक हो चुका है जिसमें वह जिलाधिकारियों को कोरोना के आंकड़े छिपाने की बात कह रहे थे। इसी क्रम में योगी सरकार ने एक पूर्व आईएएस व एक चैनल के पत्रकार को भी उठवाकर एसटीएफ से जांच करवाई थी कि वह गोपनीय पत्र कैसे लीक हुआ। इसके अलावा डाक्टरों के एसोसिएशन ने भी बकायदा पत्र लिखकर योगी सरकार से घटिया पीपीई किट खरीद की शिकायत की थी और आरोप लगाया था कि महामारी के समय जी-जान से सेवा करने वाले चिकित्सकों की जान से सरकार खिलवाड़ कर रही है। योगी सरकार कोरोना से निपटने के बजाए कोरोना की खबरों को जनता के समक्ष रखने वाले लोगों को ही प्रताड़ित करने का काम कर रही है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि चाल-चरित्र और चेहरे का नारा देने वाली भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार कोरोना महामारी में पीपीई किट घोटालेबाजों को संरक्षण देने और उन्हें बचाने के मामले में पूरी तौर पर बेनकाब हो चुकी है। मुख्यमंत्री अपनी नैतिक जिम्मेदारियों का पालने करते हुए पीपीई किट घोटाले पर हुई एसआईटी जांच को सार्वजनिक करें, वरना कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़क पर उतरकर आर-पार संघर्ष करने के लिए विवश होगी।