बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के पहले चरण के उम्मीदवारों की घोषणा के बाद स्क्रीनिंग कमेटी के तीन सदस्यों अखिलेश प्रसाद सिंह, मदन मोहन झा और सदानंद सिंह की काफी आलोचना हुई है.
बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे में अनियमितता को लेकर चल रही चर्चाओं से राहुल गांधी नाखुश हैं. वहीं, मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट्स को लेकर कांग्रेस पार्टी का खंडन आया. दरअसल, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि राज्य के तीन शीर्ष नेता अखिलेश प्रसाद सिंह (अध्यक्ष अभियान समिति), मदन मोहन झा (पीसीसी चीफ) और सदानंद सिंह (सीएलपी नेता) को बाहर कर दिया गया है.
कांग्रेस पार्टी के बिहार चुनाव प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे ने खबर का खंडन करते हुए ट्वीट किया, ‘ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक विश्वसनीय और जिम्मेदार संगठन ने इस भ्रामक जानकारी को एआईसीसी के अधिकारियों के साथ सत्यापित किए बिना प्रसारित किया है.
बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी की बिहार यूनिट के साथ-साथ चुनावों के मामलों में नेताओं के खिलाफ पार्टी के अंदर नाराजगी बढ़ने के साथ सब कुछ ठीक नहीं है. विधानसभा चुनाव के पहले चरण के उम्मीदवारों की घोषणा के बाद स्क्रीनिंग कमेटी के तीन सदस्यों अखिलेश प्रसाद सिंह, मदन मोहन झा और सदानंद सिंह की काफी आलोचना हुई है. अखिलेश प्रसाद सिंह 23 नेताओं द्वारा लिखे गए विवादास्पद पत्र के हस्ताक्षरकर्ता थे, जो पार्टी के सिद्धांतों को चुनौती देता है.
इधर, कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला को चुनाव प्रबंधन का प्रमुख प्रभार दिया गया है. वे 14 सदस्यीय चुनाव प्रबंधन और समन्वय समिति के प्रमुख होंगे. इसके संयोजक मोहन प्रकाश हैं. वहीं, शीर्ष नेता अखिलेश प्रसाद सिंह (अध्यक्ष अभियान समिति), मदन मोहन झा (पीसीसी चीफ) और सदानंद सिंह (सीएलपी नेता) इस समिति में नहीं शामिल हैं.
49 सीटों के उम्मीदवारों का ऐलान बाकी
बिहार चुनाव में कांग्रेस की 49 सीटों पर अभी भी उम्मीदवारों के नामों को ऐलान होना है, जिसके चलते पार्टी में कशमकश की स्थिति बनी हुई है. कांग्रेस में बंद कमरों में जिस तरह से उम्मीदवारों के नाम तय हो रहे हैं, उसे लेकर पार्टी की बिहार यूनिट में नाराजगी है. इस बार कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.